मल्ल द्वादशी पूजा
मल्ल द्वादशी पूजा विशेष रूप से हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो अषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की बारहवीं तिथि को मनाई जाती है। यह पूजा भगवान जगन्नाथ के प्रति विशेष भक्ति और समर्पण का प्रतीक होती है। इस दिन पर जगन्नाथ पुरी मंदिर में विशेष रूप से श्रद्धालुओं द्वारा पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें विभिन्न प्रकार की विधियाँ और आराधना की जाती हैं।
मल्ल द्वादशी पूजा के लाभ
- भगवान जगन्नाथ की कृपा: इस पूजा से भगवान जगन्नाथ की कृपा प्राप्त होती है।
- धन संपत्ति की प्राप्ति: पूजा से धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
- समृद्धि और सफलता: यह पूजा समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में सहायक होती है।
- परिवारिक सुख: इस पूजा से परिवार में सुख-शांति और एकता बढ़ती है।
- स्वास्थ्य और लंबी आयु: देवता की कृपा से स्वास्थ्य में सुधार होता है और लंबी आयु प्राप्त होती है।
- कार्यों में सफलता: इस पूजा से कार्यों में सफलता मिलती है और व्यापार में लाभ होता है।
- मनोबल: यह पूजा मनोबल बढ़ाती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।
- समाजिक सम्मान: इस पूजा से व्यक्ति को समाज में सम्मान प्राप्त होता है।
- कष्टों का निवारण: देवी-देवताओं की कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है।
- आर्थिक सुधार: यह पूजा वित्तीय स्थिति में सुधार करती है और अच्छी आर्थिक स्थिति प्रदान करती है।
- धर्म का पालन: इस पूजा से व्यक्ति का धार्मिक परिप्रेक्ष्य मजबूत होता है।
- कल्याणकारी समर्थन: यह पूजा समाज में कल्याणकारी समर्थन करती है और उसे संतुष्टि प्रदान करती है।
- बुद्धि और विवेक: देवी-देवताओं की कृपा से व्यक्ति को बुद्धि और विवेक प्राप्त होता है।
- भविष्य की सुरक्षा: यह पूजा भविष्य की सुरक्षा करती है और बुरी गतिविधियों से बचाती है।
- धर्म के नियमों का पालन: इस पूजा से व्यक्ति के धर्म के नियमों का पालन होता है।
- सामाजिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि: यह पूजा सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए सहायक होती है।
- उच्चतम लोकों की प्राप्ति: इस पूजा से व्यक्ति को उच्चतम लोकों की प्राप्ति में सहायकता मिलती है।
- शांति और संतुष्टि: यह पूजा व्यक्ति को शांति और संतुष्टि प्रदान करती है।
- सांसारिक समस्याओं का समाधान: इस पूजा से सांसारिक समस्याओं का समाधान होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- धर्म-कार्य में सफलता: यह पूजा धर्म-कार्य में सफलता प्राप्त करने में सहायक होती है और व्यक्ति को धार्मिक विकास में उत्साह प्रदान करती है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।