महाकाली साबर साधना उग्र जरूर आनी जाती है लेकिन साबर पद्धति होने की वजह से सुरक्षित भी मानी जाती है। जब कोई साधक पहली बार काली साधना करने जा रहा है तो उसे साबर पद्धति से ही शुरुवात करनी चाहिये। इस साधना के माध्यम से साधक को न केवल अपने आत्मा की शुद्धि मिलती है, बल्कि उसे अपने जीवन में सफलता की ओर ले जाने की भी क्षमता प्राप्त होती है। इस साधना का मुख्य लक्ष्य साधक को अपनी अंतरात्मा के साथ जोड़ना है और उसे उन्हें पहचानने की क्षमता प्रदान करना है, जिससे वह जीवन में सफलता के साथ आत्म-संतुष्टि भी प्राप्त कर सके।
- कष्टनिवारण: सभी कष्ट और संकटों से मुक्ति मिलती है।
- भयनाशक: भय और डर मिटता है और साहस और वीरता की भावना उत्पन्न होती है।
- आत्मविश्वास और सकारात्मकता: आत्मविश्वास बढ़ता है और सकारात्मकता की भावना उत्पन्न होती है।
- स्वास्थ्य और ऊर्जा: देह में स्वास्थ्य और ऊर्जा की वृद्धि होती है।
- कार्यों में सफलता: कार्यों में सफलता मिलती है और लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।
- धन संपत्ति: आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- परिवार की रक्षा: परिवार की सुरक्षा और भलाई के लिए साधक को शक्ति प्राप्त होती है।
- विरोधात्मक तत्वों से मुक्ति: आसपास के विरोधात्मक तत्वों से मुक्ति मिलती है।
- निरोगी रहना: आरोग्य और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।
- मोक्ष: साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह भगवान की शरण में समर्पित हो जाता है।
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