ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा
ज्येष्ठ पूर्णिमा, जो कि ज्येष्ठ माह के पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन स्त्रियाँ माता सावित्री और भगवान सत्यवान की पूजा और व्रत रखती हैं। इस पूर्णिमा के दिन स्त्रियाँ पति की लंबी आयु और सुख-शांति के लिए व्रत रखती हैं। वे पारंपरिक रूप से सावित्री माता के प्रति श्रद्धापूर्वक व्रत रखती हैं और पति की आयु और समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हैं। इस दिन को व्रती महिलाओं ने उपवास करते हुए स्नान आदि कर स्वच्छ और शुद्ध रहती हैं और सावित्री माता का व्रत रखती हैं।
ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा के लाभ
- पति की लंबी आयु: स्त्रियाँ इस पूजा से पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
- पारिवारिक सुख: व्रती महिलाएँ पारिवारिक सुख और शांति के लिए प्रार्थना करती हैं।
- धर्म की पालना: इस पूजा से व्यक्ति अपने धर्म के नियमों का पालन करता है।
- आत्मिक शुद्धि: उपवास और पूजन से आत्मिक शुद्धि होती है।
- सावित्री माता का आशीर्वाद: यह पूजा सावित्री माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
- विवाहित जीवन की मांगल्य स्थिति: यह पूजा विवाहित जीवन की मांगल्य स्थिति के लिए महत्वपूर्ण है।
- पति-पत्नी के बीच सम्मान: इस पूजा से पति-पत्नी के बीच सम्मान और प्यार बढ़ता है।
- कर्तव्य पालन: व्रत रखने से व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन करता है।
- समृद्धि और व्यापारिक सफलता: यह पूजा समृद्धि और व्यापारिक सफलता में मदद करती है।
- कर्म सिद्धि: स्त्रियाँ इस व्रत से अपने कर्म सिद्धि की प्राप्ति करती हैं।
- मानसिक शांति: यह पूजा मानसिक शांति और सुख-समृद्धि प्रदान करती है।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: उपवास और पूजन से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- धर्मिक शिक्षा: यह पूजा धर्मिक शिक्षा और गुणों को बढ़ावा देती है।
- विवेक और बुद्धि: व्रत से व्यक्ति को विवेक और बुद्धि प्राप्त होती है।
- समाज में सम्मान: यह पूजा स्त्रियों को समाज में सम्मान प्राप्त करने में मदद करती है।
- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति: यह पूजा धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होती है।
- स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त: यह पूजा स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त होती है और रोगों से रक्षा प्रदान करती है।
- कर्मबंधन से मुक्ति: यह पूजा कर्मबंधन से मुक्ति प्रदान करती है और मनुष्य को उच्चतम लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होती है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।