छाया पुरुष साधना
छाया पुरुष साधना का उद्देश्य एक अदृश्य पुरुष को साधक के साथ जोड़ना होता है, जो साधक के लिए अदृश्य सहायता प्रदान करता है। इस साधना के माध्यम से साधक अपने जीवन की विभिन्न समस्याओं को हल करने, सुरक्षा प्राप्त करने, और तांत्रिक शक्तियों को बढ़ाने में सक्षम होता है। छाया पुरुष साधना एक अद्वितीय तांत्रिक साधना है जो व्यक्ति को विशेष शक्तियों और लाभों से संपन्न करती है। यह साधना तंत्र और साधना में उच्चतम स्थान रखती है और इसे बहुत ही सावधानीपूर्वक और विधिपूर्वक करना आवश्यक है।
छाया पुरुष साधना के लाभ
1. सुरक्षा: अदृश्य पुरुष की उपस्थिति से साधक की सुरक्षा होती है।
2. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव: सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से रक्षा होती है।
3. तांत्रिक शक्तियों का विकास: साधक की तांत्रिक शक्तियों में वृद्धि होती है।
4. अदृश्य सहायता: जीवन के कठिन समय में अदृश्य पुरुष सहायता करता है।
5. विरोधियों पर विजय: शत्रुओं और विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है।
6. स्वास्थ्य: स्वास्थ्य में सुधार होता है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
7. धन लाभ: धन प्राप्ति और समृद्धि बढ़ती है।
8. मनोकामना पूर्ति: सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
9. भयमुक्ति: सभी प्रकार के भय और डर से मुक्ति मिलती है।
10. सौभाग्य: जीवन में सौभाग्य और सफलता मिलती है।
11. प्रेम संबंध: प्रेम संबंधों में सुधार होता है।
12. मनोबल वृद्धि: मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
13. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक साधना में उन्नति होती है।
14. समस्या समाधान: जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है।
15. तांत्रिक अनुष्ठानों में सफलता: तांत्रिक अनुष्ठानों में सफलता मिलती है।
16. व्यापार में लाभ: व्यापार और व्यवसाय में लाभ होता है।
17. संतान सुख: संतान प्राप्ति में सहायक होता है।
18. सामाजिक प्रतिष्ठा: समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है।
19. शांति: मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है।
20. जीवन में स्थिरता: जीवन में स्थिरता और स्थायित्व आता है।
मंत्र
छाया पुरुष साधना का मंत्र निम्नलिखित है:
“`
ॐ छायापुरुषाय विद्महे, छायासंघाय धीमहि, तन्नो पुरुष प्रचोदयात्।
“`
साधना करने का दिन
इस साधना को करने का सबसे उपयुक्त दिन शनिवार, ग्रहण व अमावस्या का दिन माना जाता है। अमावस्या की रात को साधना करना अधिक प्रभावी होता है।
सावधानियाँ
1. स्वच्छता: साधना से पहले शरीर और मन की शुद्धि करें।
2. गुरु मार्गदर्शन: किसी अनुभवी गुरु या तांत्रिक की सलाह से ही साधना करें।
3. साधना स्थल: साधना के लिए शांत और पवित्र स्थान का चयन करें।
4. समय: साधना को रात्रि के समय, विशेष रूप से मध्यरात्रि के बाद करें।
5. मन की एकाग्रता: साधना के दौरान मन को एकाग्र रखें और किसी प्रकार की विचलन से बचें।
6. नकारात्मक विचारों से बचें: साधना के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
7. भयमुक्त रहें: साधना के दौरान किसी प्रकार का भय न रखें।
8. साधना सामग्री: साधना के लिए आवश्यक सभी सामग्री पहले से तैयार रखें।
9. नियमितता: साधना को नियमित रूप से करना आवश्यक है।
10. अन्य साधनाओं से दूर रहें: इस साधना के दौरान किसी अन्य साधना का प्रयोग न करें।
छाया पुरुष साधना की विधि
1. स्थान चयन: साधना के लिए एक शांत और एकांत स्थान चुनें।
2. स्नान: साधना से पहले शुद्धता के लिए स्नान करें।
3. ध्यान: कुछ समय ध्यान में बिताएं और मन को शांत करें।
4. मंत्र जाप: छाया पुरुष मंत्र का जाप करें।
5. धूप और दीपक: धूप और दीपक जलाकर साधना स्थल को पवित्र करें।
6. पूजा सामग्री: आवश्यक छाया पुरुष गायत्री साधना सामग्री का प्रयोग करे।
7. संकल्प: साधना के प्रारंभ में एक संकल्प लें कि आप इस साधना को पूर्ण निष्ठा और श्रद्धा के साथ करेंगे।
8. अंत में: साधना के अंत में भगवान और अपने गुरु को धन्यवाद दें।
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छाया पुरुष साधना एक अत्यंत प्रभावशाली साधना है, जिसे सही विधि और सावधानियों के साथ करने से इसके अद्वितीय लाभ प्राप्त होते हैं।