श्वेतार्क गणेश क्या है?
श्वेतार्क गणेश भगवान गणेश के एक विशेष रूप हैं, जिनकी मूर्ति श्वेतार्क वृक्ष (कैलोट्रोपिस जिगान्टिया या आक का पौधा) की जड़ से बनाई जाती है। श्वेतार्क गणेश की पूजा विशेष रूप से सफलता, समृद्धि और बाधाओं के निवारण के लिए की जाती है।
श्वेतार्क गणेश की विशेषताएँ:
- स्वरूप: श्वेतार्क गणेश का स्वरूप अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इनकी मूर्ति सफेद रंग की होती है और इसे श्वेतार्क वृक्ष की जड़ से तराशा जाता है।
- लाभ:
- कार्य मे सफलता
- नौकरी मे सफलता
- व्यापार में वृद्धि
- बाधाओं का निवारण
- समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति
- मानसिक शांति और बुद्धि की वृद्धि
- पूजा विधि:
- श्वेतार्क गणेश की स्थापना घर के पूजा स्थान में करें।
- प्रतिदिन प्रातः और सायं समय उनकी पूजा करें।
- लाल चंदन, फूल, और मोदक का भोग अर्पित करें।
- गणेश मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ गं गणपतये नमः” “OM GAMM GANAPATAYE NAMAHA”
- पौराणिक मान्यता: माना जाता है कि श्वेतार्क गणेश की पूजा से सभी प्रकार की बाधाओं का नाश होता है और मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
श्वेतार्क गणेश की स्थापना:
- शुभ मुहूर्त देखकर श्वेतार्क गणेश की मूर्ति घर लाएं।
- स्थापना के दिन स्नान आदि से शुद्ध होकर, स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर गणेश जी की मूर्ति रखें।
- पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से पूजा करें।
- गणेश मंत्रों का उच्चारण करते हुए धूप-दीप अर्पित करें।
- भगवान गणेश से अपने जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना करें।
श्वेतार्क गणेश की पूजा एवं स्थापना से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। इनकी कृपा से साधक के सभी कार्य सिद्ध होते हैं और वह अपने जीवन में सभी प्रकार की सफलता प्राप्त करता है।