इस १०१ सफेद चिरमी दाना पर ११०१ बार सरस्वती मंत्र से सिद्ध किया गया है। ये सफेद चिरमी दाना (White Chirmi Beads) भी एक पवित्र और शक्तिशाली वस्तु मानी जाती है। ये सफेद गुंजा या सफेद रत्ती के नाम से भी जानी जाती है। यह विशेष रूप से सरस्वती की कृपा, अध्यन, शिक्षण और ऊंचे सपनों को पूरा करने के लिये प्रयोग किया जाता है। इसे विशेष रूप से सुरक्षा, सौभाग्य, और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रयोग किया जाता है।
सफेद चिरमी दाना का महत्व
- शांति और समृद्धि: सफेद चिरमी दाना का उपयोग शांति और समृद्धि प्राप्ति के लिए किया जाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह दाना नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से सुरक्षा प्रदान करता है।
- सकारात्मकता: इसे अपने पास रखने से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
- सौभाग्य: यह सौभाग्य और सफलता को आकर्षित करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इसे साधना और पूजा में उपयोग करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
सफेद चिरमी दाना के लाभ
- शांति और समृद्धि
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
- सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि
- सौभाग्य में वृद्धि
- विद्यार्थियों को लाभ
- स्वास्थ्य में सुधार
- शत्रुओं से रक्षा
- बुरी नजर से बचाव
- आध्यात्मिक उन्नति
- मानसिक शांति
- व्यापार में वृद्धि
- परिवार में सुख-समृद्धि
- मनोकामना पूर्ति
मंत्र
सफेद चिरमी दाना को सिद्ध करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप किया जा सकता है:
“ॐ ऐं श्रीं सरस्वतेय नमः” “OM AIM SHREEM SARASWATEYA NAMAHA”
विधि
- सफाई और शुद्धि: सबसे पहले सफेद चिरमी दाना को गंगाजल या साफ पानी से धो लें।
- मंत्र जाप: शुद्धिकरण के बाद, किसी पवित्र स्थान पर बैठकर उपरोक्त मंत्र का 108 बार जाप करें।
- धूप और दीप: दाना को धूप और दीप दिखाएं।
- स्थापन: इसे एक सफेद कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल या तिजोरी में रखें।
दिन
सफेद चिरमी दाना का उपयोग करने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार और शुक्रवार माने जाते हैं। इन दिनों में इसे स्थापित करना और पूजा करना सबसे अधिक लाभकारी होता है।
सफेद चिरमी दाना का सही तरीके से उपयोग करने पर यह अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। बस श्रद्धा बनाये रखे।
Note: ये दाना जहरीला होता है, इसका उपयोग सिर्फ अध्यात्मिक कामो मे होता है। इस दाने को बच्चो की पहुंच से दूर रखे।