इस हनुमानी सिंदूर को ११०० हनुमान मंत्र से सिद्ध (energized) किया गया है। हनुमानी सिंदूर, जिसे हनुमान जी का सिंदूर भी कहा जाता है, हनुमान भक्तों के लिए एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण वस्तु है। इसका उपयोग हनुमान जी की पूजा और साधना में किया जाता है। हनुमान जी को सिंदूर अत्यंत प्रिय है, और इसे उनकी मूर्तियों पर चढ़ाना शुभ माना जाता है।
हनुमानी सिंदूर के लाभ और महत्व:
- इसका तिलक लगाकर बाहर जाने से कार्य मे सफलता मिलती है।
- संकटों का नाश: हनुमान जी की पूजा में सिंदूर चढ़ाने से जीवन में आने वाले सभी संकटों और बाधाओं का नाश होता है।
- शत्रु नाशक: इसे हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर पर लगाने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य और शक्ति: हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य और शारीरिक शक्ति मिलती है।
- मानसिक शांति: इसे नियमित रूप से पूजा में उपयोग करने से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
- अखंड भक्ति: हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से भक्त की भक्ति में अखंडता आती है और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
प्रयोग विधि:
- हनुमान जी की मूर्ति को स्नान कराएं और स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
- एक साफ कपड़े से मूर्ति को पोंछें।
- फिर, हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं।
- सिंदूर चढ़ाते समय हनुमान चालीसा या हनुमान मंत्र का जाप करें।
- हनुमान मंत्र- “ॐ हं हनुमंते नमः” “OM HAMM HANUMANTE NAMAHA”
हनुमानी सिंदूर का उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, विशेषकर हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से किया जाता है। इसे हनुमान जी के चरणों में अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।