धन की रक्षा करने वाली बृहस्पति रक्षा कवच भगवान बृहस्पति (गुरु ग्रह) की कृपा और सन्तान सुख के लिए समर्पित है। यह कवच उनकी कृपा को प्राप्त करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायक होता है। बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों से रक्षा करने के लिए भी यह कवच उपयोगी है। इसके पहनने से व्यक्ति को बुद्धि, विद्या, व निर्णय लेने की क्षमता मे ब्रुद्धि होती है। ब्यक्ति जीवन में समृद्धि और सफलता आनी शुरु हो जाती है।
बृहस्पति रक्षा कवच के लाभ:
- बृहस्पति की कृपा: इस कवच को पहनने से व्यक्ति बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त करता है और उनके आशीर्वाद से धन, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति होती है।
- विद्या और बुद्धि का सम्मान: इस कवच को पहनने से व्यक्ति को बुद्धि, विद्या, और संदेश का सम्मान मिलता है और उसके जीवन में समृद्धि और सफलता आती है।
- धार्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति: यह कवच व्यक्ति को धार्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है और उसे धार्मिक और आध्यात्मिक दिशा में अग्रसर बनाता है।
- अशुभ प्रभावों से रक्षा: यह कवच व्यक्ति को बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों से रक्षा करता है और उसे सुरक्षित रखता है।
बृहस्पति रक्षा कवच का मुहूर्त और धारण की विधि:
- गुरुवार: बृहस्पतिवार (गुरुवार) को इस कवच को पहनने से अधिक लाभ होता है। इस दिन कवच को पहनने से गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव मिलते हैं।
- पुष्य नक्षत्र: पुष्य नक्षत्र में भी इस कवच को पहनने से लाभ होता है। पुष्य नक्षत्र को बृहस्पति का नक्षत्र माना जाता है।
- गुरु पुष्य योग: जब गुरु ग्रह और पुष्य नक्षत्र साथ में होते हैं, तो उस समय भी इस कवच को पहनने से अधिक फल प्राप्त होता है।