दक्षिणमुर्ति मंत्र से सिद्ध (energized) नकारात्मक शक्ति को नष्ट करने वाली “दक्षिणामूर्ति रक्षा कवच” एक शक्तिशाली कवच माना जाता है जो भगवान दक्षिणामूर्ति की कृपा और आशीर्वाद से समृद्धि, स्वास्थय, सुख, और सम्पत्ति की प्राप्ति में सहायक होता है। इस कवच को पहनने से व्यक्ति को बुद्धि, विद्या और हर तरह से सुरक्षा मिलती है और उसके जीवन में समृद्धि और सफलता आती है। इसके अलावा, यह कवच व्यक्ति को धर्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है और उसे धार्मिक और आध्यात्मिक दिशा में अग्रसर बनाता है।
“दक्षिणामूर्ति रक्षा कवच” के लाभ:
- बुद्धि और विद्या की प्राप्ति: यह कवच व्यक्ति को बुद्धि, विद्या, और संदेश का सम्मान मिलता है।
- धार्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति: इस कवच को पहनने से व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।
- सुरक्षाः पूरे परिवार को सुरक्षा मिलती है।
- समृद्धि: यह कवच समृद्धि और सुख की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।
- आत्मविश्वास: इस कवच के पहनने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
- संतान सुख: इस कवच को पहनने से संतान सुख की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।
“दक्षिणामूर्ति रक्षा कवच” का मुहूर्त और धारण की विधि:
- गुरुवार: गुरुवार को इस कवच को पहनने से अधिक लाभ होता है। इस दिन कवच को पहनने से गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव मिलते हैं।
- पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन भी इस कवच को पहनने से लाभ होता है।
- दक्षिणामूर्ति जयंती: दक्षिणामूर्ति जयंती के दिन भी इस कवच को पहनने से लाभ होता है। दक्षिणामूर्ति जयंती को मनाने से भगवान दक्षिणामूर्ति की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।