श्रावणिका पूजा
श्रावणिका पूजा हिंदू धर्म में श्रावण मास के दौरान की जाने वाली एक महत्वपूर्ण पूजा है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और देवी पार्वती की कृपा प्राप्त करना होता है। श्रावण मास को भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है, और इस दौरान की गई पूजा-अर्चना से व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। श्रावणिका पूजा में विशेष मंत्रों का जाप, रुद्राभिषेक, और शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। भक्तजन उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना करते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, बिल्वपत्र, धतूरा आदि चढ़ाते हैं।
श्रावणिका पूजा के लाभ
- भगवान शिव का आशीर्वाद: इस पूजा से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: श्रावणिका पूजा से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: इस पूजा से व्यक्ति का स्वास्थ्य बेहतर होता है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
- मनोकामना पूर्ति: भगवान शिव की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- धन-धान्य की प्राप्ति: इस पूजा से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती।
- पारिवारिक सुख: श्रावणिका पूजा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- विवाह में बाधाओं का निवारण: इस पूजा से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- संतान सुख: भगवान शिव की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- मनोबल और आत्मविश्वास: इस पूजा से मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- शत्रुओं से रक्षा: श्रावणिका पूजा से शत्रुओं से रक्षा होती है और विजय प्राप्त होती है।
- कर्मों का नाश: इस पूजा से व्यक्ति के बुरे कर्मों का नाश होता है।
- ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि: भगवान शिव की कृपा से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- आयु वृद्धि: इस पूजा से व्यक्ति की आयु में वृद्धि होती है।
- अशुभ प्रभावों से मुक्ति: श्रावणिका पूजा से अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- समाज में सम्मान: इस पूजा से व्यक्ति को समाज में सम्मान प्राप्त होता है।
- मुक्ति और मोक्ष: भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: इस पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- शांति और धैर्य: श्रावणिका पूजा से व्यक्ति को शांति और धैर्य प्राप्त होता है।
- सुखमय जीवन: भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति का जीवन सुखमय बनता है।
- विपत्तियों से सुरक्षा: इस पूजा से व्यक्ति को विपत्तियों से सुरक्षा मिलती है और जीवन में स्थिरता आती है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।