मातंगी पूजा
मातंगी देवी की पूजा दस महाविद्याओं में से एक मानी जाती है. ये कला, संगीत, वाणी और तंत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनका स्वरूप अत्यंत मनमोहक होता है. मां मातंगी गहरे हरे वर्ण की हैं और चार भुजाओं वाली हैं. उनके हाथों में वीणा, खड्ग, कपाल और वेद शोभायमान रहते हैं. उनके साथ अक्सर एक तोता भी दिखाई देता है जो वाणी और वाचन का प्रतीक माना जाता है. माता मातंगी की पूजा अनोखी मानी जाती है. इनको भोग लगाने की परंपरा अन्य देवी-देवताओं से भिन्न है. इन्हें भक्त अपने भोजन का जूठन का भोग लगाते हैं. ऐसा माना जाता है कि एक बार माता पार्वती किसी यात्रा के दौरान कुछ चांडाल महिलाओं के संपर्क में आईं. उन महिलाओं ने पूरे श्रद्धा भाव से माता पार्वती को अपना भोजन ग्रहण करने का आग्रह किया. मां पार्वती ने उनके भक्ति भाव को देखते हुए उस जूठन का भोजन ग्रहण कर लिया और मातंगी का रूप धारण कर लिया. तभी से माता को जूठन का भोग लगाने की परंपरा चली आ रही है.
मातंगी पूजा लाभ
- बुद्धि और विद्या की प्राप्ति
- वाणी में सुन्दरता और प्रभाव
- कला में सिद्धि
- विवेक और बुद्धि की समर्थना
- मानसिक शांति और ध्यान की स्थिरता
- बुराई से मुक्ति
- विचारशक्ति और विवेक की प्रगति
- बुद्धिमान और वाणी-सम्पन्न होना
- विवाह और परिवार में सुख-शांति
- सफलता और समृद्धि
- आध्यात्मिक उन्नति
- समस्त विघ्नों का नाश
- भय-मन-चिन्ता से मुक्ति
- अभिनव कला में प्रगति
- आत्मविश्वास और उत्साह
- स्वास्थ्य और दीर्घायु
- स्वयं पर विश्वास
- परिवार के सभी सदस्यों के लिए शुभ दृष्टि
- समाज में मान-सम्मान
- मातंगी देवी की कृपा से सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।