भौम प्रदोष व्रत और पूजा
भौम प्रदोष व्रत और पूजा को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और सभी रोगों से मुक्त होने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। भौम प्रदोष व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन जब यह व्रत मंगलवार के दिन आता है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष रूप से स्वास्थ्य लाभ और रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है। भौम प्रदोष व्रत और पूजा के दौरान भक्तजन दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। इस पूजा में विशेष मंत्रों का जाप, दुग्धाभिषेक, बिल्व पत्र अर्पण और दीप प्रज्वलित करना शामिल होता है। यह व्रत और पूजा विशेष रूप से रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य सुधार के लिए की जाती है।
भौम प्रदोष व्रत और पूजा के लाभ
- रोगों से मुक्ति: सभी प्रकार के रोगों और बीमारियों से मुक्ति प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- शिव कृपा: भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- धन और समृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति और उनकी सुख-समृद्धि होती है।
- वैवाहिक सुख: दांपत्य जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
- सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण: जीवन में आने वाली सभी समस्याओं और बाधाओं का निवारण होता है।
- धार्मिक उन्नति: धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश और उनकी बुरी नजर से बचाव होता है।
- संपत्ति की प्राप्ति: भूमि, वाहन, और अन्य संपत्तियों की प्राप्ति होती है।
- करियर में सफलता: पेशेवर जीवन में उन्नति और सफलता प्राप्त होती है।
- शांति और संतुलन: मानसिक शांति और जीवन में संतुलन की प्राप्ति होती है।
- पापों का नाश: जीवन के सभी पापों का नाश होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- कुल का कल्याण: परिवार और कुल की समृद्धि होती है।
- दीर्घायु: लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
- सुखमय जीवन: जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
- अवसाद से मुक्ति: मानसिक तनाव और अवसाद से मुक्ति प्राप्त होती है।
- आयु वृद्धि: जीवन की आयु में वृद्धि होती है।
- मोक्ष प्राप्ति: मोक्ष और परमात्मा की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।