विशुद्ध चक्र: सम्पूर्ण चिकित्सा – गले की ऊर्जा जागृति और वाणी शुद्धि का रहस्य
Vishuddha Chakra Chikitsa Ebook मानव शरीर में गले का क्षेत्र केवल बोलने या साँस लेने का माध्यम नहीं, बल्कि यह ऊर्जा, भावना और सत्य का केंद्र है। यही स्थान विशुद्ध चक्र कहलाता है, जो वाणी, आत्म-अभिव्यक्ति और मानसिक शुद्धि से जुड़ा है। जब यह चक्र संतुलित होता है, तो वाणी मधुर, विचार स्पष्ट और आत्मा स्थिर होती है; लेकिन असंतुलन होने पर थायरॉयड, गले का दर्द, स्वरभंग, और संवाद में कठिनाई जैसे लक्षण प्रकट होते हैं।
DivyayogAshram द्वारा प्रस्तुत यह ईबुक “विशुद्ध चक्र: सम्पूर्ण चिकित्सा” गले की ऊर्जा को संतुलित करने की एक प्राचीन और वैज्ञानिक पद्धति है। इसमें बताया गया है कि कैसे श्वास-नियंत्रण, रंग चिकित्सा, ध्वनि ध्यान, सुगंध प्रयोग और जप विधि से व्यक्ति गले की शक्ति को पुनः सक्रिय कर सकता है। यह पुस्तक आत्म-अभिव्यक्ति, मानसिक शांति और वाणी शुद्धि के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शन है।
यह ईबुक केवल आध्यात्मिक साधकों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए उपयोगी है जो अपने जीवन में संवाद, आत्मविश्वास और आंतरिक शांति की पुनः स्थापना करना चाहते हैं।
मूल्य: ₹149/-
पृष्ठ: 173
प्रस्तुति: DivyayogAshram
सहायता: WhatsApp & Arattai – 7710812329
गले की ऊर्जा का दिव्य द्वार
मानव शरीर में सात प्रमुख चक्र होते हैं, और उनमें से विशुद्ध चक्र सबसे गूढ़ है। यह गले के मध्य स्थित ऊर्जा केंद्र है जो वाणी, सत्य और आत्म-अभिव्यक्ति को नियंत्रित करता है। जब यह चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति की वाणी मधुर, विचार स्पष्ट और मन शांत रहता है।
DivyayogAshram द्वारा प्रस्तुत यह पुस्तक “विशुद्ध चक्र: सम्पूर्ण चिकित्सा” आपके भीतर स्थित गले की छिपी हुई ऊर्जा को जागृत करने का एक संपूर्ण मार्गदर्शन है। इसमें बताया गया है कि कैसे प्राणायाम, रंग चिकित्सा, ध्वनि, सुगंध और ध्यान के माध्यम से आप गले की शक्ति को पुनः संतुलित कर सकते हैं।
यह ईबुक केवल अध्यात्मिक नहीं, बल्कि चिकित्सीय दृष्टिकोण से भी उपयोगी है। इसमें उन लोगों के लिए उपाय बताए गए हैं जो थायरॉयड, गले की सूजन, स्वरभंग, तनाव या संवाद की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ
- विशुद्ध चक्र का रहस्यमय परिचय और वैज्ञानिक आधार।
- गले और वाणी की ऊर्जा को शुद्ध करने के साधन।
- श्वास नियंत्रण, प्राणायाम और ध्यान की विशेष विधियाँ।
- नीले रंग की ऊर्जा, ध्वनि और सुगंध चिकित्सा का प्रयोग।
- कर्पूर, नीलकमल, चंदन और लवेंडर के लाभ।
- जप, कीर्तन और मंत्रोच्चारण द्वारा वाणी शुद्धि के रहस्य।
- विशुद्ध चक्र के असंतुलन के शारीरिक और मानसिक संकेत।
- सरल उपायों से थायरॉयड और गले की चिकित्सा।
- दैनिक अभ्यास, मंत्र और ध्यान का क्रमबद्ध विवरण।
DivyayogAshram ने इस पुस्तक में पारंपरिक योग ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा दृष्टिकोण से जोड़कर प्रस्तुत किया है, जिससे साधक अपने जीवन में संतुलन और शांति स्थापित कर सके।
क्यों पढ़ें यह पुस्तक?
यदि आप महसूस करते हैं कि आपकी वाणी प्रभावहीन हो गई है, संवाद में कठिनाई है, या गले से जुड़ी बीमारियाँ बार-बार लौटती हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए एक वरदान है।
इस ईबुक में विशुद्ध चक्र के माध्यम से आप सीखेंगे –
- कैसे वाणी में आत्मविश्वास लाया जाए।
- कैसे मौन और सत्य बोलने की साधना की जाए।
- कैसे श्वास, ध्यान और मंत्र के सहयोग से गले की ऊर्जा संतुलित की जाए।
DivyayogAshram का उद्देश्य है कि हर साधक अपनी वाणी को उपचार और प्रेम का माध्यम बनाए। यह पुस्तक उसी दिशा में एक सशक्त प्रयास है।
लेखक के अनुसार अनुभव का संदेश
DivyayogAshram के साधकों के अनुभवों से यह सिद्ध हुआ है कि जब गले की ऊर्जा शुद्ध होती है, तो व्यक्ति के जीवन में अद्भुत परिवर्तन आते हैं। उसकी वाणी आकर्षक बनती है, विचार स्पष्ट होते हैं और आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है।
यह पुस्तक उन सभी गृहस्थ साधकों के लिए है जो अपने भीतर की आवाज़ को सुनना और व्यक्त करना चाहते हैं।
इस पुस्तक से आपको क्या मिलेगा
- थायरॉयड, स्वरभंग और तनाव से राहत।
- वाणी में स्पष्टता, करुणा और आकर्षण।
- मानसिक शांति और आत्म-संतुलन।
- ध्यान में गहराई और मौन का अनुभव।
- संवाद कौशल और अभिव्यक्ति में सुधार।
- गले की बीमारियों से प्राकृतिक उपचार।
- आत्मविश्वास और सत्य बोलने की शक्ति।
पुस्तक की भावनात्मक शैली
यह केवल ज्ञान की पुस्तक नहीं, बल्कि अनुभव की यात्रा है। प्रत्येक अध्याय आपको आपके भीतर की उस मौन आवाज़ से जोड़ता है जो वर्षों से अनसुनी रह गई थी।
DivyayogAshram की वाणी में लिखा हर शब्द साधक के मन को छूता है। यहाँ तंत्र, योग, ध्यान और ऊर्जा विज्ञान का सुंदर संगम है जो पाठक को आत्म-अभिव्यक्ति के दिव्य मार्ग पर ले जाता है।
पुस्तक से संबंधित पाठकों के अनुभव
- “मैंने इस ईबुक से सीखा कि मेरी श्वास ही मेरा उपचार है।”
- “गले की तकलीफ़ अब लगभग समाप्त हो गई है।”
- “अब बोलते समय डर नहीं लगता, मन साफ और आत्मविश्वास भरा है।”
- “DivyayogAshram का ध्यान अभ्यास मेरे लिए जीवन परिवर्तनकारी सिद्ध हुआ।”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या यह ईबुक शुरुआती साधकों के लिए उपयुक्त है?
हाँ, इसमें दिए गए सभी अभ्यास सरल और चरणबद्ध हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
2. क्या इस पुस्तक में चिकित्सीय उपाय भी शामिल हैं?
हाँ, इसमें गले, स्वर और थायरॉयड से जुड़ी व्यावहारिक चिकित्सा विधियाँ दी गई हैं।
3. क्या यह साधना केवल ध्यानकर्ताओं के लिए है?
नहीं, यह हर उस व्यक्ति के लिए है जो अपने जीवन में संवाद, शांति और आत्म-संतुलन लाना चाहता है।
4. क्या इसमें बीज मंत्र “हं” की जप विधि बताई गई है?
हाँ, पुस्तक में “ॐ हं विशुद्धाय नमः” जप की विस्तृत विधि और लाभ दिए गए हैं।
5. क्या यह पुस्तक हिंदी में उपलब्ध है?
हाँ, यह पूरी तरह हिंदी में है, सरल और सहज भाषा में लिखी गई है।
6. क्या यह पुस्तक ऑनलाइन डाउनलोड की जा सकती है?
हाँ, आप इसे DivyayogAshram की वेबसाइट से ₹149/- में डाउनलोड कर सकते हैं।
7. क्या इसमें DivyayogAshram का संपर्क और सहयोग मार्गदर्शन मिलेगा?
हाँ, सहायता और मार्गदर्शन के लिए WhatsApp & Arattai – 7710812329 पर संपर्क करें।
DivyayogAshram का संदेश
सच्चा उपचार भीतर से शुरू होता है। जब आपकी वाणी प्रेम, सत्य और शांति से जुड़ जाती है, तब कोई भी रोग स्थायी नहीं रह सकता।
“विशुद्ध चक्र: सम्पूर्ण चिकित्सा” केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि आत्म-चिकित्सा का दिव्य द्वार है।
यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है जो अपनी वाणी को ईश्वर की वाणी बनाना चाहता है।
खरीदें अभी — ₹149/- मात्र
पृष्ठ: 173 | भाषा: हिंदी
संपर्क: WhatsApp & Arattai – 7710812329
प्रस्तुति: DivyayogAshram


