इस कुबेर रक्षा कवच को ११००० कुबेर मंत्र से सिद्ध किया गया है। भगवान कुबेर जो जमी जायदाद मे स्वामी माने जाते है। इसलिये इनके कवच को धारण करने से दुकान, मकान, जमीन, जायदाद से अडचने व विवाद नष्ट होने लगते है। कुबेर कवच (Kuber Kavach) एक ऐसा कवच है जिसे कुबेर यानी धन के देवता की कृपा प्राप्ति और आर्थिक सुरक्षा के लिए किया जाता है। यह कवच जो कुबेर की कृपा और धन संपत्ति की वृद्धि के लिए धारण किया जाता है। इसे धन संपत्ति, व्यापार में सफलता, और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
कुबेर कवच के लाभ:
- धन की वृद्धि: कुबेर कवच का पाठ करने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
- व्यापार में सफलता: इसका नियमित पाठ व्यापार में सफलता प्राप्ति में मदद करता है।
- आर्थिक स्थिति में सुधार: कुबेर कवच धारण करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- धन की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होता है।
कुबेर कवच कवच धारण की विधि:
- शुद्धि विधि: पहले तो अपने शरीर को शुद्ध करने के लिए स्नान करें।
- स्थिति: एक स्थिर और शांतिपूर्वक स्थिति में बैठें या खड़े हों।
- मंत्र स्मरण: फिर कुबेर कवच का मंत्र स्मरण करें। “ॐ यक्षाय कुबेराय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि देहि स्वाहा।” ( || Om Yakshay Kuberaya Dhandhaanyadhipataye Dhandhaanyasamriddhim mein dehi dehi svaha ||) इस मंत्र को अपने मन में इसका जप करें।
- माला: कुबेर कवच मंत्र का १०८ बार जप करें, जो एक माला के बराबर होता है। फिर कवच धारण करे।
कुबेर कवच का मुहूर्त और शुभ दिन:
- मुहूर्त: कुबेर कवच को अमावस्या या पूर्णिमा के दिन, धनतेरस, नवरात्रि, दीपावली, और अक्षय तृतीया जैसे मुहूर्त पर धारण करना लाभकारी माना जाता है।
- शुभ दिन: बुधवार और शुक्रवार को इस कवच को धारण करना शुभ माना जाता है।
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