फाल्गुन पूर्णिमा पूजा
फाल्गुन पूर्णिमा हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मानता है। इस दिन भगवान विष्णु, शिव और माँ दुर्गा के पूजन का विशेष महत्व होता है। विशेष रूप से इस दिन का उपवास करना, विशेष प्रकार की पूजा और दान करना पुण्यमयी माना जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा पर लोग भगवान के ध्यान में लगे रहते हैं और अपने जीवन में आने वाली समस्याओं का हल पाने की कोशिश करते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा पूजा लाभ
- पापों का नाश: पूर्व के पापों का नाश होता है और आत्मा की शुद्धि होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: भगवान के प्रति भक्ति और आध्यात्मिक विकास में सहायता मिलती है।
- स्वास्थ्य के लाभ: उपवास करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और विष संग्रहण भी होता है।
- समृद्धि: विशेष देवता की कृपा से समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
- अवरोधों का नाश: जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायता मिलती है।
- पारिवारिक समरसता: परिवार में शांति और समरसता को बढ़ावा मिलता है।
- शिक्षागार्ह उपलब्धि: छात्रों को अध्ययन और परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होती है।
- विवाहित जीवन की खुशहाली: पति-पत्नी के बीच खुशहाली और समरसता के लिए आशीर्वाद मिलता है।
- संरक्षण: नकारात्मक ऊर्जाओं और बुराईयों से बचाव होता है।
- लंबी आयु: देवता की कृपा से दीर्घायु होती है।
- इच्छा पूर्ति: अभिलाषाओं और इच्छाओं की पूर्ति में सहायता होती है।
- दिव्य कृपा: देवता की अनुग्रह और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- आंतरिक शांति: मानसिक शांति और अंतरंग तृप्ति की प्राप्ति होती है।
- बुद्धि का विकास: ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि होती है।
- कर्मफल: नैतिक और कर्मठ जीवन के लिए स्थिरता मिलती है।
- समाज संबंधों में सुधार: सामाजिक रिश्तों में सुधार और सहयोग मिलता है।
- धर्म संरक्षण: धार्मिक मूल्यों और नैतिकता का पालन मजबूत होता है।
- आत्मरक्षा: आत्मिक संरक्षा और मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
- मानसिक ताक़त: मानसिक दृढ़ता और शक्ति का विकास होता है।
- समग्र कल्याण: जीवन में समग्र कल्याण और खुशी की प्राप्ति होती है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।