लक्ष्मी उलूक यंत्र – पारिवारिक समृद्धि और धनसिद्धि का दिव्य माध्यम
लक्ष्मी उलूक यंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली तांत्रिक यंत्र है जिसे देवी महालक्ष्मी के उलूक स्वरूप से जोड़ा गया है। उलूक यानी उल्लू, देवी लक्ष्मी का वाहन है जो रात्रि के समय धन, ज्ञान और गुप्त समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह यंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनके जीवन में आर्थिक अस्थिरता, पारिवारिक कलह या मानसिक असंतुलन है।
DivyayogAshram के साधकों द्वारा सिद्ध किया गया 2×3 इंच का लक्ष्मी उलूक यंत्र, 1101 बार “लक्ष्मी उलूक मंत्र” से अभिमंत्रित किया जाता है ताकि इसमें देवी की वास्तविक ऊर्जा प्रवाहित हो सके। यह यंत्र साधक के घर, व्यापार स्थल या तिजोरी में स्थापित करने से धन के द्वार खोल देता है और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
लक्ष्मी उलूक यंत्र के चमत्कारिक लाभ
- धन आगमन में वृद्धि: यह यंत्र घर या व्यवसाय में धन के नए स्रोत खोलता है।
- ऋण मुक्ति: निरंतर जाप और पूजा से धीरे-धीरे कर्जों से राहत मिलती है।
- व्यवसाय में सफलता: व्यापार या दुकान में स्थापित करने पर बिक्री और लाभ बढ़ता है।
- पारिवारिक कलह का समाधान: घर में प्रेम और सामंजस्य का वातावरण बनता है।
- गुप्त धन की प्राप्ति: छिपे हुए अवसरों और अप्रत्याशित धन का मार्ग खुलता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: यह यंत्र नज़र, शाप और अभिशाप से बचाव करता है।
- घर में स्थायी सुख-शांति: पूजा स्थान का वातावरण दिव्य और पवित्र बनता है।
- धन संचय की क्षमता: यह यंत्र व्यक्ति को धन बचाने और सही उपयोग की प्रेरणा देता है।
- लक्ष्मी कृपा में वृद्धि: साधक के जीवन में निरंतर समृद्धि आती है।
- रोजगार में उन्नति: नौकरीपेशा लोगों के लिए यह यंत्र पदोन्नति में सहायक है।
- आत्मिक संतुलन: मन की अस्थिरता और चिंता कम होती है।
- भौतिक और आध्यात्मिक दोनों लाभ: यंत्र साधक को भौतिक समृद्धि और आंतरिक शांति दोनों प्रदान करता है।
- घर की वास्तु त्रुटि का निवारण: इसे सही दिशा में रखने से वास्तु दोष स्वतः शांत होते हैं।
- आकस्मिक धनहानि से सुरक्षा: अचानक आने वाली आर्थिक समस्या से रक्षा होती है।
- दीर्घकालिक स्थिरता: यह यंत्र घर की समृद्धि को लंबे समय तक स्थिर रखता है।
कौन कर सकता है यह साधना
लक्ष्मी उलूक यंत्र साधना कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो धन, सुख और सौभाग्य की स्थिर कृपा चाहता है।
- गृहस्थ व्यक्ति इसे अपने घर में स्थापित कर सकते हैं।
- व्यापारी या व्यवसायी अपने दुकान या कार्यालय में स्थापित करें।
- महिलाएं इसे परिवार की शांति और सम्पन्नता के लिए कर सकती हैं।
- साधक और तांत्रिक इसे विशेष सिद्धि प्रयोगों में प्रयोग करते हैं।
महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति का मन शुद्ध, संकल्प दृढ़ और आस्था गहरी हो। साधना में नियमितता सबसे बड़ा नियम है।
लक्ष्मी उलूक यंत्र स्थापना का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी उलूक यंत्र की स्थापना के लिए सबसे उपयुक्त समय शुक्रवार, पूर्णिमा, या दीपावली की रात्रि मानी जाती है।
इसके अलावा नीचे दिए गए मुहूर्त भी प्रभावी हैं:
- शुभ तिथि: अक्षय तृतीया, धनतेरस, या शरद पूर्णिमा।
- शुभ नक्षत्र: रोहिणी, मृगशिरा, पूर्वाषाढ़ा, या धनिष्ठा।
- शुभ समय: प्रातः 6:00 बजे से 8:00 बजे या रात्रि 9:00 बजे से 11:00 बजे तक।
यंत्र स्थापना के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए और यंत्र को लाल कपड़े पर रखकर विधिवत पूजा करें।
लक्ष्मी उलूक यंत्र का सिद्ध मंत्र
मूल मंत्र:
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं उलूकवाहिन्यै महालक्ष्म्यै नमः।”
मंत्र का अर्थ:
हे उलूकवाहिनी महालक्ष्मी, आपके पवित्र नाम के जप से धन, सौभाग्य और शांति की कृपा मुझ पर बनी रहे।
इस मंत्र का जप 1 माला प्रतिदिन करने से यंत्र में देवी लक्ष्मी की दिव्य ऊर्जा जागृत होती है। यंत्र को DivyayogAshram द्वारा 1101 बार इसी मंत्र से अभिमंत्रित करके दिया जाता है ताकि साधक को तुरंत फल मिले।
स्थापना और पूजन विधि (Sthapana Vidhi)
- शुद्धिकरण: पूजा स्थान को गंगाजल या गौमूत्र से शुद्ध करें।
- दीप प्रज्वलन: एक घी का दीपक और धूप जलाएं।
- आसन ग्रहण करें: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर आसन लगाएं।
- यंत्र को स्थापित करें: लाल रेशमी कपड़े पर लक्ष्मी उलूक यंत्र रखें।
- आवरण हटाएं: यंत्र को हल्का-सा गंगाजल या गुलाबजल से स्पर्श कर शुद्ध करें।
- संकल्प लें: माता लक्ष्मी से धन, शांति और उन्नति का संकल्प करें।
- मंत्र जाप: 108 या 1008 बार ऊपर दिए गए मंत्र का जप करें।
- पुष्प अर्पण: कमल या गुलाब के पुष्प अर्पित करें।
- भोग लगाएं: खीर, मिश्री या दूध का भोग लगाएं।
- आरती करें: अंत में लक्ष्मी आरती गाएं और कृतज्ञता व्यक्त करें।
पूजन के बाद यंत्र को पूजास्थान में या धन रखने की जगह (तिजोरी, लॉकर, या दुकान की दराज़) में स्थापित करें।
सावधानियाँ और नियम
- पूजा से पहले स्नान और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शुक्रवार को उपवास या हल्का फलाहार रखने से लाभ बढ़ता है।
- यंत्र को कभी भी अपवित्र स्थान पर न रखें।
- प्रतिदिन दीपक और धूप दिखाना श्रेष्ठ माना गया है।
- पूर्ण श्रद्धा और नियमितता से ही परिणाम प्राप्त होते हैं।
प्रश्नोत्तर
प्र1. क्या यह यंत्र केवल तांत्रिक साधकों के लिए है?
नहीं, यह यंत्र हर श्रद्धालु व्यक्ति के लिए उपयोगी है। साधना केवल निष्ठा से करनी चाहिए।
प्र2. क्या स्त्रियाँ इसे स्थापित कर सकती हैं?
हाँ, महिलाएं विशेष रूप से गृह शांति और पारिवारिक सौभाग्य हेतु इसे स्थापित कर सकती हैं।
प्र3. क्या इसे घर की तिजोरी में रखना ठीक है?
हाँ, तिजोरी, लॉकर या व्यवसायिक स्थान सबसे उपयुक्त हैं।
प्र4. क्या इसे बिना दीक्षा के स्थापित किया जा सकता है?
हाँ, यदि साधक पूर्ण आस्था और पवित्रता से पूजन करता है, तो यह यंत्र स्वयं फलदायी होता है।
प्र5. क्या इसे उपहार में देना उचित है?
हाँ, यह यंत्र समृद्धि का प्रतीक है। इसे किसी प्रियजन को भेंट देना शुभ माना जाता है।
प्र6. क्या इसे पूजा के बाद हटाया जा सकता है?
नहीं, इसे स्थानांतरित न करें। एक बार स्थापित करने के बाद वहीं स्थिर रहने दें।
प्र7. परिणाम कब तक मिलने लगते हैं?
नियमित जप और पूजन से 21 दिनों के भीतर शुभ संकेत दिखने लगते हैं।
प्र8. क्या इसे रोज़ छूना आवश्यक है?
नहीं, केवल दीप दिखाना और मंत्र स्मरण करना पर्याप्त है।
प्र9. क्या इसे अन्य यंत्रों के साथ रखा जा सकता है?
हाँ, लेकिन लक्ष्मी या कुबेर यंत्र के पास रखना अधिक प्रभावी होता है।
प्र10. क्या यह नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है?
हाँ, उलूक ऊर्जा से उत्पन्न कंपन नकारात्मक शक्ति को नष्ट करती है।
अंत मे
लक्ष्मी उलूक यंत्र केवल धन का प्रतीक नहीं, बल्कि समृद्ध जीवनशैली का माध्यम है। जब साधक इसे निष्ठा से पूजता है, तो जीवन में शांति, स्थिरता और प्रचुरता अपने आप आने लगती है। DivyayogAshram के अनुभवों के अनुसार, यह यंत्र घर के वातावरण को इतना सकारात्मक बना देता है कि हर दिशा से शुभता प्रवाहित होती है।
“धन की देवी लक्ष्मी तब आती हैं, जब मन और स्थान दोनों शुद्ध होते हैं।”
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