इस अष्ट यक्षिणी यंत्र
इस अष्ट यक्षिणी यंत्र ११०१ बार अष्ट यक्षिणी मंत्र से सिद्ध (energized) किया गया है। iइस यंत्र का उपयोग विभिन्न सिद्धियों और लाभों के लिए किया जाता है। अष्ट यक्षिणी यंत्र में आठ यक्षिणियों की विशेष ऊर्जा होती है जो साधक को विभिन्न प्रकार की सिद्धियां और लाभ प्रदान करती हैं। यहाँ अष्ट यक्षिणी यंत्र के प्रमुख लाभ दिए जा रहे हैं:
- धन प्राप्ति: अष्ट यक्षिणी यंत्र धन प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी होता है। इसे स्थापित करने से व्यक्ति को धन की कमी नहीं होती और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- व्यापार में सफलता: व्यापारियों के लिए यह यंत्र विशेष लाभकारी होता है। इसे स्थापित करने से व्यापार में उन्नति होती है और नए अवसर प्राप्त होते हैं।
- विवाह में सफलता: अविवाहित व्यक्तियों के लिए विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और उचित जीवन साथी की प्राप्ति होती है।
- संतान सुख: जिन दंपत्तियों को संतान सुख प्राप्त नहीं हो रहा है, उनके लिए यह यंत्र अत्यंत लाभकारी होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
- शत्रु बाधा से मुक्ति: शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं का नाश होता है।
- शांति और समृद्धि: घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।
- विद्या प्राप्ति: छात्रों के लिए यह यंत्र विद्या प्राप्ति और शिक्षा में सफलता के लिए लाभकारी होता है।
- सम्मोहन शक्ति: सम्मोहन और आकर्षण की शक्ति में वृद्धि होती है।
- दुखों का नाश: जीवन के विभिन्न प्रकार के दुखों और समस्याओं का नाश होता है।
- मनोकामना पूर्ति: साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- रोजगार प्राप्ति: नौकरी की तलाश कर रहे व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होता है और करियर में उन्नति होती है।
अष्ट यक्षिणी यंत्र की स्थापना और पूजन विधि किसी योग्य गुरु या तांत्रिक के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए। इसे शुभ मुहूर्त में स्थापित करना चाहिए ताकि सभी लाभ प्राप्त हो सकें।
इस यंत्र की स्थापना किसी भी मंगलवार या शुक्रवार को सूर्यास्त के बाद करनी चाहिये। सही परिणाम प्राप्त करने के लिये विधिवत इस यंत्र की पूजा करनी चाहिये।