इस अन्नपूर्णा यंत्र को ११०० अन्नपूर्णा मंत्र से सिद्ध (energized) किया गया है। जीवन भर अन्न की कृपा प्रदान करने वाली माता अन्नपूर्णा को भोजन और पोषण की देवी माना जाता है। इनकी कृपा किसानों के जीवन मे वरदान मानी जाती है। इनकी कृपा से भक्त जीवन भर गरीबों को अन्नदान करते रहते है। लाखो लोगो की दुवायें मिलती रहती है। उनके उपासना से व्यक्ति को कभी भी भोजन की कमी नहीं होती और वे सदा समृद्ध और संतुष्ट रहते हैं।
माता अन्नपूर्णा यंत्र के लाभ
- भोजन की कमी नहीं होती: उपासना करने से घर में कभी भी भोजन की कमी नहीं होती।
- समृद्धि और धन की प्राप्ति: माता अन्नपूर्णा की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में शांति और सौहार्द बना रहता है।
- संतोष और संतुष्टि: व्यक्ति को जीवन में संतोष और संतुष्टि प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: स्वास्थ्य में सुधार होता है और बीमारियाँ दूर होती हैं।
- बाधाओं का निवारण: जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
- ज्ञान और बुद्धि का विकास: बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- कर्ज से मुक्ति: कर्ज से मुक्ति मिलती है और आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं।
- भाग्य में वृद्धि: भाग्य में वृद्धि होती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- धन, अन्न और वस्त्र की प्राप्ति: आवश्यक वस्त्र और अन्य वस्तुओं की प्राप्ति होती है।
- मन की शांति: मन शांत रहता है और मानसिक तनाव दूर होता है।
- भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति: भक्ति में वृद्धि होती है और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
यंत्र स्थापना का दिन
- अन्नपूर्णा जयंती: यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
- नवरात्रि के दिन: विशेषकर शारदीय और चैत्र नवरात्रि में माता अन्नपूर्णा की उपासना करना शुभ माना जाता है।
- प्रतिदिन: प्रतिदिन भोजन से पहले माता अन्नपूर्णा का ध्यान करना लाभकारी होता है।
- इस यंत्र को बुधवार के दिन अपने घर मे स्थापित करे
माता अन्नपूर्णा मंत्र
- ॐ अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकरप्राण वल्लभे।
ज्ञान वैराग्य सिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति॥ - OM ANNAPURNE SADAA PURNE SHANKAR PRAAN VALLABHE, GYAN BAIRAAGYA SIDHYARTH BHIKSHAAM DEHI CHA PARVATI.
भोजन करने के पहले व भोजन दान करने के पहले ३ बार इस मंत्र का जप अवश्य करना चाहिये।
माता अन्नपूर्णा की कृपा से जीवन में अन्न, धन, और समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती और व्यक्ति हमेशा सुखी और संतुष्ट रहता है। इस यंत्र की उपासना से मानसिक, शारीरिक और आर्थिक सभी प्रकार की समस्याएँ दूर होती हैं।
- 2×3 साईज के यंत्र को अपने पर्स या घर के मंदिर मे रख सकते है।
- 3×4 साईज के यंत्र को अपने घर के मंदिर मे रख सकते है।