यम द्वितीया व्रत पूजा
यम द्वितीया व्रत पूजा का आयोजन भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को ये दिन आता है। इस व्रत में भाई की लंबी आयु और सुख-शांति के लिए प्रार्थना की जाती है और बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सफलता की कामना करती हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्यार और आपसी सम्मान को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। यम द्वितीया के दिन भाई-बहन एक-दूसरे को खास तौर पर भेंट देते हैं। भाई की सुरक्षा और भलाई के लिए बहन उनकी पूजा-अर्चना करती हैं और उन्हें विशेष आशीर्वाद देती हैं। इस दिन भाई को भी अपनी बहन के लिए उपहार देना चाहिए। यह पर्व भारतीय संस्कृति में परिवार के बंधनों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण दिन है।
यम द्वितीया व्रत पूजा करवाने से निम्न लिखित लाभ मिलते है
- भाई-बहन के बंधन को मजबूत करता है।
- परिवार में शांति और समृद्धि लाता है।
- भाई की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए शुभ माना जाता है।
- भाई को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
- भाई-बहन के बीच आपसी सम्बंधों को मजबूती प्रदान करता है।
- भाई के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए प्रार्थना की जाती है।
- भाई की सफलता और कामयाबी के लिए आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- बहन के लिए भाई की रक्षा और कल्याण की प्रार्थना की जाती है।
- आपसी समझ और समर्थन में वृद्धि होती है।
- भाई-बहन के बीच प्यार और सम्मान का वातावरण बनाए रखता है।
- परिवार के सदस्यों के बीच विश्वास और सम्मान का माहौल बनाए रखता है।
- भाई के उज्जवल भविष्य और सफलता की कामना की जाती है।
- परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सम्बंधों में समर्थन मिलता है।
- परिवार की समृद्धि और खुशहाली के लिए आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- भाई-बहन के बंधन में गहराई और मजबूती आती है।
- आपसी समझ और प्यार को बढ़ावा देता है।
- भाई के उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।
- भाई को उसकी मेहनत का सम्मान मिलता है।
- भाई-बहन के बंधन को मजबूत करने में मदद करता है।
- परिवार के सदस्यों के बीच समर्थन और सामर्थ्य का माहौल बनाए रखता है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।