बेताल दीक्षा – अदृश्य शक्तियों से सुरक्षा और आत्मबल की दिव्य साधना
Betal Deeksha अदृश्य शक्तियाँ, भय, और जीवन में आने वाली रहस्यमयी बाधाएँ कई बार इंसान की प्रगति रोक देती हैं। इनसे मुक्ति और दिव्य सुरक्षा प्राप्त करने का सर्वोत्तम माध्यम है बेताल दीक्षा। यह दीक्षा साधक को भगवान बेताल की अद्भुत शक्ति और साहसिक चेतना से जोड़ती है। DivyayogAshram द्वारा दी जाने वाली यह दीक्षा साधक के चारों ओर एक शक्तिशाली ऊर्जा कवच बनाती है, जो हर प्रकार की नकारात्मकता और बाधाओं से रक्षा करता है।
बेताल दीक्षा लेने के बाद साधक के भीतर आत्मबल, निर्भीकता और असाधारण आत्मविश्वास का जन्म होता है। यह दीक्षा साधक को भय, जादू-टोना, नजर दोष और अज्ञात शत्रु बाधाओं से मुक्त करती है। इस दीक्षा के साथ आपको एक मंत्र सिद्ध माला भी प्राप्त होती है, जिसके प्रयोग से बेताल ऊर्जा साधक के चारों ओर दिव्य सुरक्षा बनाती है। यह दीक्षा 20 वर्ष से ऊपर कोई भी ले सकता है। पति-पत्नी मिलकर लें तो लाभ और अधिक होता है। यह दीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से ली जा सकती है।
दीक्षा की जरूरत क्यों होती है?
मनुष्य केवल शरीर नहीं, बल्कि एक ऊर्जात्मक अस्तित्व है। कई बार हमारे चारों ओर नकारात्मक ऊर्जा, आत्मिक अवरोध या प्रेतबाधाएँ सक्रिय हो जाती हैं, जो हमें अस्थिर करती हैं। बेताल दीक्षा ऐसे अदृश्य प्रभावों से सुरक्षा देती है और आत्मा को भयमुक्त बनाती है। यह दीक्षा साधक को आत्मरक्षा, मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। जो व्यक्ति अकारण भय, दुःस्वप्न, अजीब घटनाएँ या मानसिक दबाव महसूस करता है, उसके लिए यह दीक्षा वरदान समान है। यह दीक्षा आत्मिक संतुलन बहाल करती है और साधक को दिव्य आत्मविश्वास के मार्ग पर ले जाती है।
बेताल दीक्षा के लाभ
- नकारात्मक शक्तियों और प्रेतबाधा से रक्षा।
- जादू-टोना और नजर दोष का नाश।
- भय, घबराहट और दुःस्वप्न से मुक्ति।
- आत्मबल और साहस में वृद्धि।
- मानसिक स्थिरता और एकाग्रता प्राप्त होना।
- आत्मिक सुरक्षा कवच की स्थापना।
- अकारण अवरोधों का अंत।
- शत्रुओं की योजना विफल होना।
- जीवन में आत्मविश्वास और निर्भीकता का विकास।
- साधना और ध्यान में प्रगति।
- अदृश्य शक्तियों पर नियंत्रण और संतुलन।
- घर या व्यवसाय स्थल की नकारात्मकता दूर होना।
- व्यापारिक रुकावटों का समाधान।
- रोगों और मानसिक कमजोरी से राहत।
- कोर्ट केस और विवादों में सफलता।
- गुरु कृपा और बेताल संरक्षण का अनुभव।
- यात्रा के दौरान सुरक्षा और सफलता।
- आत्मा की ऊर्जा का पुनर्जागरण।
- रात्रिकालीन भय और अस्थिरता का अंत।
- जीवन में स्थिरता, शक्ति और दिव्यता का अनुभव।
Deeksha Muhurat (दीक्षा का शुभ समय)
बेताल दीक्षा के लिए सबसे शुभ समय है अमावस्या, अष्टमी, शनिवार और कालाष्टमी।
इन तिथियों पर बेताल ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय होती है।
दीक्षा के लिए रात्रि 9 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक का समय विशेष प्रभावशाली माना गया है।
ऑनलाइन दीक्षा DivyayogAshram के गुरु परंपरा द्वारा निर्धारित शुभ मुहूर्त में कराई जाती है।
दीक्षा के दिन साधक को स्नान कर लाल या काले वस्त्र धारण करने चाहिए और पवित्र दीपक जलाकर ध्यानस्थ होना चाहिए।
दीक्षा के नियम (Niyam)
- दीक्षा के दिन सात्विक और हल्का भोजन करें।
- दीक्षा से पहले स्नान कर मन को शांत करें।
- दीक्षा के बाद 11 बार मंत्र जप दैनिक करें।
- दीक्षा के दौरान मौन और ध्यान बनाए रखें।
- दीक्षा के साथ प्राप्त माला को पवित्र स्थान पर रखें।
- दूसरों के प्रति दुर्भावना न रखें।
- दीक्षा के बाद सात दिन तक रात्रि में दीपक जलाएं।
- गुरु के निर्देशों का पालन करें।
- दीक्षा के बाद किसी को मंत्र न बताएं।
- सच्ची श्रद्धा और अनुशासन बनाए रखें।
Who can get Deeksha (कौन ले सकता है दीक्षा)
यह दीक्षा उन सभी के लिए है जो भय, बाधा, या अदृश्य प्रभावों से परेशान हैं।
20 वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्ति इसे ले सकता है।
पति-पत्नी मिलकर लें तो जीवन में शक्ति और स्थिरता का संचार होता है।
व्यापारी, विद्यार्थी, गृहस्थ या साधक — सभी के लिए यह दीक्षा लाभकारी है।
बेताल दीक्षा व्यक्ति में आत्मरक्षा की शक्ति, मानसिक संतुलन और अदृश्य सुरक्षा कवच का निर्माण करती है।
सामान्य प्रश्न
1. क्या यह दीक्षा ऑनलाइन ली जा सकती है?
हाँ, यह दीक्षा DivyayogAshram के माध्यम से ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों रूप में उपलब्ध है।
2. क्या यह दीक्षा प्रेतबाधा से मुक्ति देती है?
हाँ, यह दीक्षा नकारात्मक शक्तियों और प्रेतबाधा से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है।
3. क्या इस दीक्षा के लिए रात का समय आवश्यक है?
हाँ, रात्रि काल में बेताल ऊर्जा अत्यधिक प्रभावशाली होती है, इसलिए वही सबसे शुभ समय है।
4. क्या दीक्षा के बाद कोई विशेष साधना करनी होती है?
हाँ, गुरु द्वारा दिया गया मंत्र प्रतिदिन जपना चाहिए ताकि ऊर्जा स्थिर रहे।
5. क्या पति-पत्नी दोनों यह दीक्षा ले सकते हैं?
हाँ, साथ में लेने पर उनका आत्मिक और भावनात्मक संतुलन और मजबूत होता है।
6. क्या दीक्षा के साथ कुछ वस्तुएँ दी जाती हैं?
हाँ, दीक्षा के साथ मंत्र सिद्ध माला दी जाती है।
7. क्या यह दीक्षा केवल साधकों के लिए है?
नहीं, यह हर व्यक्ति के लिए है जो भय और नकारात्मकता से मुक्ति चाहता है।
अंत मे
बेताल दीक्षा साधक को निर्भीकता, आत्मबल और दिव्य सुरक्षा का वरदान देती है।
यह केवल एक साधना नहीं बल्कि आत्मिक शक्ति का पुनर्जन्म है।
DivyayogAshram की गुरु परंपरा के आशीर्वाद से यह दीक्षा साधक के चारों ओर ऐसा दिव्य कवच बनाती है, जो उसे हर प्रकार की नकारात्मकता से बचाता है।
जो व्यक्ति जीवन में साहस, स्थिरता और आत्मरक्षा की अदृश्य शक्ति पाना चाहता है, उसके लिए बेताल दीक्षा एक अनमोल अवसर है — भयमुक्त, शक्तिशाली और जागरूक जीवन की ओर पहला कदम।


