वरूथिनी एकादशी
वरूथिनी एकादशी हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी मानी जाती है। यह एकादशी वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष में आती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ‘वरूथिनी’ का अर्थ होता है ‘रक्षक’ और इसलिए यह एकादशी जीवन में आने वाले सभी संकटों और समस्याओं से रक्षा करती है।
वरूथिनी एकादशी के लाभ
- पापों का नाश: सभी पापों का नाश होता है।
- मोक्ष की प्राप्ति: मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- सुख-समृद्धि: जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- स्वास्थ्य लाभ: स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- कर्ज से मुक्ति: कर्ज और वित्तीय समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- धार्मिक उन्नति: धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- संकटों से रक्षा: जीवन में आने वाले सभी संकटों और समस्याओं से रक्षा होती है।
- विवाह में सफलता: विवाह संबंधी समस्याओं का निवारण होता है।
- शत्रुओं से सुरक्षा: शत्रुओं और बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
- भयमुक्ति: जीवन में मौजूद सभी प्रकार के भय और चिंताओं से मुक्ति मिलती है।
- मन की शांति: मानसिक शांति और तनाव से राहत मिलती है।
- धैर्य और साहस: धैर्य और साहस को बढ़ावा मिलता है।
- पारिवारिक प्रेम: परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति और संतान की खुशहाली के लिए लाभकारी होती है।
- शिक्षा में सफलता: शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में सफलता मिलती है।
- सौभाग्य में वृद्धि: सौभाग्य और भाग्य में वृद्धि होती है।
- पेशेवर उन्नति: पेशेवर जीवन में उन्नति और सफलता प्राप्त होती है।
- सुखद यात्रा: यात्रा के दौरान सुरक्षा और सफलता सुनिश्चित होती है।
- रिश्तों में सुधार: पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक प्रगति: आध्यात्मिक उन्नति और आत्मा की शुद्धि होती है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।