पाप को नष्ट कएअने वाली देवी शैलपुत्री नवरात्रि के नौ रूपों में से पहला रूप हैं और वह पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं, इसलिए उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। शैलपुत्री देवी शक्ति का अवतार हैं और वह पवित्रता, शक्ति और साहस का प्रतीक मानी जाती हैं। उनकी पूजा नवरात्रि के पहले दिन की जाती है और यह माना जाता है कि उनकी कृपा से साधक को मानसिक और शारीरिक शक्ति सही निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त होती है।
शैलपुत्री साधना के लाभ
- आध्यात्मिक शुद्धि: मन और आत्मा की शुद्धि में सहायक।
- आंतरिक शक्ति: आंतरिक शक्ति और दृढ़ता प्रदान करती है।
- शांति और सामंजस्य: जीवन में शांति और सामंजस्य लाती है।
- दिव्य आशीर्वाद: देवी शैलपुत्री के आशीर्वाद को आकर्षित करती है, जो आपके आध्यात्मिक यात्रा को बढ़ाती है।
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