पुराणों मे प्रत्यंगिरा देवी को उग्र व शक्तिशाली देवी माना गया है।, इनकी पूजा रक्षक और विनाशक दोनों रूपों में की जाती है। प्रत्यंगिरा देवी की दीक्षा का तात्पर्य है, देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए एक विशेष विधि से दीक्षा लेना। यह दीक्षा व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने के साथ ही प्रत्यांगिरा देवी की पूजा मे सफलता प्रदान करती है।
प्रत्यंगिरा देवी दीक्षा के लाभ
- दुश्मनों से रक्षा: देवी की कृपा से सभी प्रकार के शत्रुओं से रक्षा होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: मानसिक और आत्मिक शक्ति में वृद्धि होती है।
- धन और समृद्धि: आर्थिक उन्नति और धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- शांति और संतुलन: मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक प्रगति और ध्यान में सुधार होता है।
- सफलता और विजय: कार्यों में सफलता और विजय प्राप्त होती है।
- परिवार की सुरक्षा: परिवार के सभी सदस्यों की सुरक्षा और समृद्धि होती है।
- अवरोधों से मुक्ति: जीवन के सभी अवरोध और बाधाओं का निवारण होता है।
- अच्छी नींद: अच्छी नींद और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- सकारात्मकता: जीवन में सकारात्मकता और उत्साह बढ़ता है।
Pratyangira mantra
- “ॐ ह्रां ह्रीं क्रीं प्रत्यंगिरे नमः” “OM HRAAM HREEM KREEM PRATYANGIRE NAMAHA”
प्रत्यंगिरा दीक्षा का दिन
प्रत्यंगिरा देवी की दीक्षा के लिए मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इन दिनों में दीक्षा लेने से अधिक लाभ प्राप्त होता हैं