सुख समृद्धि देने वाले पचली भैरव का नेपाल धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है। इस साधना का मुख्य उद्देश्य भैरव की कृपा और आशीर्वाद, सुख समृद्धि के साथ तंत्र मार्ग पर चलने वाले साधकों के लिए प्रभावी मानी जाती रही है। पचली भैरव साधना एक शक्तिशाली और रहस्यमय साधना है। भैरव भगवान शिव का उग्र और रक्षक स्वरूप हैं, और उन्हें विशेष रूप से काशी (वाराणसी) का संरक्षक माना जाता है। पचली भैरव का संबंध भी भैरव के रौद्र रूप से है और इसे अनुष्ठानों और तांत्रिक साधनाओं में महत्वपूर्ण माना जाता है।
पचली भैरव साधना के लाभ:
- सुख और समृद्धि: भैरव की कृपा से आपको सुख और समृद्धि मिलती है।
- भय मुक्ति: भैरव की कृपा से आपका भय और डर दूर होता है।
- उच्च स्तरीय जीवन: साधना से आपका जीवन उच्च स्तर पर पहुंचता है।
- समृद्धि: आपको धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- कार्य सिद्धि: साधना करने से पूर्णतः प्रसन्न होकर आपके कार्य सिद्ध होते हैं।
- आत्मिक उन्नति: साधना से आपकी आत्मा को शांति और उन्नति मिलती है।
- कष्ट निवारण: साधना से आपके जीवन से कष्ट और दुर्भाग्य का नाश होता है।
- स्वास्थ्य: भैरव की कृपा से आपके स्वास्थ्य में सुधार होता है।
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