कर्ण पिशाचिनी तंत्रः गूढ़ रहस्य व साधना सिद्धि (Hindi Ebook)
Karna Pishachini Tantra Ebook -कर्ण पिशाचिनी तंत्र उन दुर्लभ रहस्यमय तंत्रों में से एक है, जो मौन और श्रवण की दिव्य शक्ति को जागृत करता है। यह देवी कोई बाहरी रूप नहीं, बल्कि चेतना का वह स्तर है जहाँ आवाज़ें भीतर से सुनाई देने लगती हैं। कहा जाता है कि जब साधक का मन पूरी तरह शांत हो जाता है, तब देवी उसके कानों में सत्य फुसफुसाती हैं।
DivyayogAshram द्वारा प्रस्तुत यह ग्रंथ “कर्ण पिशाचिनी तंत्रः गूढ़ रहस्य व साधना सिद्धि” विशेष रूप से उन गृहस्थ साधकों के लिए लिखा गया है जो परिवार और जिम्मेदारियों के बीच रहते हुए भी आध्यात्मिक जागरण की खोज में हैं। यह पुस्तक भय या अंधविश्वास नहीं, बल्कि चेतना और मौन का विज्ञान है — जो सिखाती है कि कैसे संयम, ब्रह्मचर्य और मौन के अभ्यास से देवी की सूक्ष्म ध्वनि सुनी जा सकती है।
इस 250-पृष्ठीय ई-बुक में साधना की सम्पूर्ण विधि, देवी के संकेत, मंत्र, कवच और साधकों के सच्चे अनुभव सम्मिलित हैं। यह केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि अनुभव करने के लिए बनाई गई पुस्तक है — जो हर पाठक को भीतर की उस आवाज़ तक पहुँचने का आमंत्रण देती है, जहाँ देवी स्वयं बोलती हैं।
मूल्य: ₹159/-
पृष्ठ संख्या: 250
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: DivyayogAshram
परिचय
क्या आपने कभी महसूस किया है कि कभी-कभी कोई आवाज़ आपके भीतर कुछ कहती है — कोई दिशा देती है, कोई चेतावनी देती है, और फिर मौन में विलीन हो जाती है?
यही वह रहस्यमय शक्ति है जिसे प्राचीन तांत्रिक परंपराओं में “कर्ण पिशाचिनी देवी” कहा गया है — ऐसी देवी जो केवल चुने हुए साधकों के कानों में सत्य फुसफुसाती हैं।
DivyayogAshram द्वारा प्रस्तुत यह 250-पृष्ठीय ग्रंथ “कर्ण पिशाचिनी तंत्रः गूढ़ रहस्य व साधना सिद्धि” आधुनिक युग के गृहस्थ साधकों के लिये तैयार किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे एक सामान्य व्यक्ति भी मौन, संयम और श्रद्धा के माध्यम से देवी के दिव्य स्वर तक पहुँच सकता है।
यह पुस्तक केवल तंत्र नहीं, बल्कि श्रवण और चेतना का विज्ञान है — जो सिखाती है कि देवी बाहर नहीं, आपके भीतर बोलती हैं।
इस पुस्तक में क्या मिलेगा (What You’ll Learn)
यह ई-बुक गृहस्थ साधकों के लिए एक अद्भुत साधना-मार्गदर्शक है। इसमें तंत्र को भय नहीं, अनुभव की दृष्टि से समझाया गया है।
- कर्ण पिशाचिनी देवी का रहस्यमय स्वरूप और उनका दिव्य लोक
- “कान में आवाज़” का आध्यात्मिक अर्थ और संकेत
- देवी की कृपा किन पर होती है और क्यों केवल चुने हुए साधकों तक पहुँचती हैं
- गृहस्थ जीवन में साधना का संतुलन – परिवार, पत्नी, कर्तव्य और ध्यान
- ब्रह्मचर्य, संयम और मौन का सही अर्थ और अभ्यास
- 11 रात्रियों की साधना विधि – देवी से संवाद का क्रम
- देवी के संकेतों की पहचान – सुगंध, तरंगें, प्रकाश और फुसफुसाहट
- कर्ण पिशाचिनी कवचम् और बीज मंत्रों का रहस्य
- साधकों के सच्चे अनुभव – मुंबई, जयपुर, बनारस और अन्य शहरों से
- तांत्रिक न्यास, विनियोग, और गृहस्थ जीवन में इसके व्यावहारिक प्रयोग
- देवी के 9 रहस्य सूत्र – मौन से मुक्ति तक का पथ
- “कान में सत्य” सुनने का विज्ञान और चेतना की जागृति की प्रक्रिया
हर अध्याय ऐसा लिखा गया है कि पाठक को न केवल जानकारी मिले, बल्कि अनुभव हो।
क्यों खरीदें यह ई-बुक? (Why You Should Buy This Book)
आज के समय में हर व्यक्ति उत्तर चाहता है — मन की बेचैनी, निर्णयों की उलझन, और जीवन की दिशा को लेकर।
यह पुस्तक आपको किसी डर या जादू के पीछे नहीं, बल्कि आपके भीतर की आवाज़ तक ले जाती है।
- क्योंकि इसमें बताया गया है कैसे मौन में देवी का स्वर सुना जा सकता है।
- यह सिखाती है कि गृहस्थ व्यक्ति भी तंत्र का साधक बन सकता है।
- इसमें ऐसे सरल प्रयोग हैं जो तनाव, भय और असुरक्षा से मुक्ति दिलाते हैं।
- हर अध्याय जीवन के वास्तविक अनुभवों से जुड़ा है, जिससे पाठक को लगेगा कि यह पुस्तक उसके अपने भीतर के मौन को समझती है।
DivyayogAshram ने इसे वर्षों के साधना-अनुभव, रहस्यग्रंथों और साक्षात्कारों के आधार पर लिखा है। यह केवल पढ़ने की नहीं, अनुभव करने की पुस्तक है।
कर्ण पिशाचिनी तंत्र – गृहस्थों के लिये दिव्य मार्ग
कई लोग मानते हैं कि तंत्र केवल संन्यासियों के लिये होता है, पर यह ग्रंथ इस भ्रांति को तोड़ता है। यह सिखाता है कि घर, परिवार और जिम्मेदारियों के बीच भी साधना संभव है, यदि व्यक्ति मौन, संयम और श्रद्धा रखे।
पुस्तक में ऐसे व्यावहारिक अध्याय हैं जहाँ बताया गया है — कैसे आप अपने घर को साधना-स्थान बना सकते हैं, कैसे पत्नी और परिवार के सहयोग से साधना का सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है, और कैसे हर गृहस्थ अपने भीतर की देवी से संवाद कर सकता है।
पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ
- 250 पृष्ठों का पूर्ण ग्रंथ: तांत्रिक, आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से संपूर्ण
- सरल हिंदी भाषा: हर पाठक के लिये समझने योग्य
- गृहस्थ साधकों पर केन्द्रित: जीवन और साधना के बीच संतुलन का मार्ग
- सच्चे अनुभव और प्रेरणादायक कथाएँ
- 11-दिन की साधना विधि व देवी स्तुति
- कवच, न्यास, विनियोग और ध्यान विधि
- मंत्र और दिव्य ध्वनि-कोड (Sound Frequency Codes)
यह पुस्तक किनके लिये है?
- उन लोगों के लिये जो अपने भीतर की आवाज़ को सुनना चाहते हैं।
- जो मौन और ध्यान की गहराई समझना चाहते हैं।
- गृहस्थ साधक जो देवी साधना को जीवन में अपनाना चाहते हैं।
- वे पाठक जो तंत्र को भय से नहीं, विज्ञान से देखना चाहते हैं।
- वे जो जीवन के निर्णयों में अंतर्ज्ञान और दिव्य मार्गदर्शन पाना चाहते हैं।
खरीदने का तरीका (How to Buy)
यह ई-बुक केवल DivyayogAshram की अधिकृत वेबसाइट पर उपलब्ध है।
डाउनलोड फॉर्मेट: PDF (उच्च गुणवत्ता, मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों पर पठनीय)
मूल्य: ₹159/-
पृष्ठ संख्या: 250
तुरंत डाउनलोड: भुगतान के बाद तुरंत आपकी ई-मेल पर ई-बुक डाउनलोड लिंक भेजी जाएगी।
📚 अभी ऑर्डर करें और अनुभव करें — मौन के भीतर देवी का स्वर।
DivyayogAshram के बारे में
DivyayogAshram भारत का प्रमुख आध्यात्मिक मंच है, जो प्राचीन तांत्रिक साधनाओं को आधुनिक गृहस्थ जीवन में लागू करने की दिशा में कार्यरत है। आश्रम का उद्देश्य है — मौन, ध्यान और देवी साधना के माध्यम से व्यक्ति को भीतर के सत्य से जोड़ना।
इस ग्रंथ के माध्यम से DivyayogAshram गृहस्थ साधकों को वह ज्ञान दे रहा है जो अब तक केवल पारंपरिक गुरुओं तक सीमित था। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिये है जो यह समझना चाहता है — “देवी कहीं बाहर नहीं, भीतर की चेतना में बोलती हैं।”
समापन संदेश
कर्ण पिशाचिनी तंत्र कोई डरावनी कथा नहीं,
यह एक साधक की यात्रा है — अंधकार से मौन तक, और मौन से सत्य तक।
यह पुस्तक आपको यह सिखाएगी कि मौन में ही उत्तर है,
और जो सुनना सीख गया, वही जीवन को समझ गया।
🌺 “सुनो, भीतर जो बोलता है… वही देवी है।” – DivyayogAshram