कंकालिनी देवी तंत्र: शक्ति, साधना और रहस्य
Kankalini Devi Tantra Ebook “कंकालिनी देवी तंत्र: शक्ति, साधना और रहस्य” एक ऐसी अद्वितीय पुस्तक है जो साधक को भय, मृत्यु और अंधकार से पार ले जाकर मुक्ति और चेतना के प्रकाश की ओर ले जाती है। कंकालिनी देवी कोई भयावह शक्ति नहीं, बल्कि वह परिवर्तन की देवी हैं — जो साधक के भीतर छिपे अंधकार को ज्ञान में बदल देती हैं।
यह पुस्तक आधुनिक युग के उन गृहस्थ साधकों के लिए लिखी गई है जो जीवन की भागदौड़ के बीच शक्ति और शांति की तलाश में हैं। यह बताती है कि देवी बाहर नहीं, हमारे भीतर हैं — श्वास, मौन, मिट्टी और दीपक के माध्यम से वे हर साधक तक पहुँचती हैं। इसमें देवी के रहस्यमय लोक, तांत्रिक न्यास, मौन की साधना, और मंत्र “ॐ ह्रीं क्रीं कंकालिन्यै नमः” के वैज्ञानिक रहस्यों का गहन वर्णन है।
DivyayogAshram की सिद्ध साधना परंपरा पर आधारित यह ग्रंथ साधक को यह सिखाता है कि सुनना ही साधना है, और मौन ही देवी का स्वरूप। यह केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि एक अनुभव है — भय से स्वतंत्र होने और भीतर छिपी देवी चेतना को पहचानने की दिशा।
(DivyayogAshram प्रस्तुत)
पृष्ठ संख्या: 149
मूल्य: ₹149/-
भाषा: हिंदी
उपलब्धता: केवल DivyayogAshram वेबसाइट पर
भय से परे शक्ति की साधना
“कंकालिनी देवी तंत्र: शक्ति, साधना और रहस्य” एक ऐसी दिव्य पुस्तक है जो साधक को भय, मृत्यु और अज्ञान के पार ले जाती है।
यह पुस्तक न केवल तांत्रिक साधना की गहराइयों को उजागर करती है, बल्कि यह बताती है कि देवी की कृपा केवल उन पर बरसती है जो मौन, अनुशासन और श्रद्धा से साधना करते हैं।
कंकालिनी देवी का स्वरूप भयावह नहीं, बल्कि परिवर्तन और मुक्ति का प्रतीक है।
यह ईबुक आधुनिक गृहस्थ साधकों के लिए तैयार की गई है ताकि वे घर बैठे देवी तंत्र की रहस्यमयी ऊर्जा से जुड़ सकें।
DivyayogAshram की तांत्रिक परंपरा से जुड़ी यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है जो भीतर की आवाज़ सुनना, भय को मिटाना और चेतना को जाग्रत करना चाहता है।
पुस्तक में क्या मिलेगा (मुख्य विषय-सूची)
- कंकालिनी देवी कौन हैं? – भय के पार की शक्ति
- देवी का रहस्यमय लोक – जहाँ मौन बोलता है
- कंकाल रूप का रहस्य – हड्डियों में छिपी चेतना की ध्वनि
- कंकालिनी तंत्र का उद्देश्य – भय नहीं, मुक्ति की दिशा
- मंत्र “ॐ ह्रीं क्रीं कंकालिन्यै नमः” का रहस्य और प्रयोग विधि
- देवी के चार प्रमुख माध्यम – दीप, कुएँ की मिट्टी, मौन और प्राण
- देवी की उपस्थिति के संकेत – गंध, आभा और आंतरिक कंपन
- प्रथम साधना रात्रि – जब भीतर से कोई फुसफुसाता है
- गृहस्थ के लिये उपयुक्त दिशा और समय – कब देवी आती हैं
- देवी के तांत्रिक न्यास और विनियोग रहस्य
- हर तरह की सुरक्षा के लिये – कंकालिनी साधना
- हर तरह के शत्रु को शांत करने के लिये – कंकालिनी साधना
- ऊपरी बाधा व तंत्र बाधा के लिये – कंकालिनी साधना
- जमीन-जायदाद विवाद के लिये – कंकालिनी साधना
- पुरानी बीमारी दूर करने के लिये – कंकालिनी साधना
- कर्ज मुक्ति के लिये – कंकालिनी साधना
- विवाह बाधा व मनपसंद जीवनसाथी के लिये – कंकालिनी साधना
- व्यवसाय और सफलता के लिये – विशेष कंकालिनी प्रयोग
- भय, अनिद्रा और चिंता के निवारण हेतु – मौन साधना
- श्री कंकालिनी कवचम् – अर्थ सहित
- श्री कंकालिनी चालीसा – अर्थ और पाठ विधि सहित
- कंकालिनी ध्यान स्तोत्रम्
- २ दिन का कंकालिनी साधना शिविर – दिव्ययोग आश्रम
इस पुस्तक को क्यों पढ़ें? (मुख्य लाभ)
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भीतर की चेतना का जागरण: देवी के माध्यम से आत्मिक ऊर्जा को पहचानना।
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भय से मुक्ति: भय को देवी की उपस्थिति का द्वार मानना सीखें।
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गृहस्थ जीवन में संतुलन: साधना और परिवार को साथ लेकर चलने की कला।
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मौन का महत्व: शब्दों से परे देवी का अनुभव।
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देवी के सूक्ष्म संकेतों की पहचान: गंध, प्रकाश और कंपन के रहस्यों को समझना।
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शरीर को मंदिर बनाना: न्यास और विनियोग के माध्यम से देवी चेतना की स्थापना।
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साधना की पूर्ण विधियाँ: प्रत्येक अध्याय में सरल, घर पर करने योग्य प्रयोग।
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आध्यात्मिक सुरक्षा: भय, रोग और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा।
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मंत्र विज्ञान की व्याख्या: “ॐ ह्रीं क्रीं कंकालिन्यै नमः” मंत्र के वैज्ञानिक रहस्य।
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आत्मविश्वास और ऊर्जा: देवी साधना से जीवन में नई दिशा।
यह पुस्तक किनके लिए है?
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जो भय, अनिद्रा या मानसिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं।
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जो ध्यान और मौन की गहराई में उतरना चाहते हैं।
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जो गृहस्थ होते हुए भी साधना करना चाहते हैं।
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जो देवी ऊर्जा और तांत्रिक ज्ञान को वैज्ञानिक दृष्टि से समझना चाहते हैं।
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जो आत्मिक शक्ति, स्थिरता और संतुलन की खोज में हैं।
DivyayogAshram द्वारा विशेष प्रस्तुतिकरण
यह ईबुक DivyayogAshram की सिद्ध साधना परंपरा से प्रेरित है,
जहाँ हर विषय केवल सैद्धांतिक नहीं बल्कि अनुभव पर आधारित है।
हर अध्याय में साधना-विधि, लाभ और संकेतों का गहन विवरण दिया गया है।
इस पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें –
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तांत्रिक ज्ञान को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
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हर विषय को आधुनिक गृहस्थ साधक के अनुरूप समझाया गया है।
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प्रत्येक अध्याय अनुभव, विधि और भाव के संतुलन से लिखा गया है।
यह पुस्तक क्यों विशेष है?
यह केवल पढ़ने के लिए नहीं, अनुभव करने के लिए लिखी गई पुस्तक है। हर पंक्ति में देवी की चेतना का कंपन महसूस किया जा सकता है। यह ईबुक उन साधकों के लिए दीपक है जो
“भय के पार देवी को देखना” चाहते हैं।
DivyayogAshram की यह कृति आपको तंत्र की रहस्यमयी परंपरा से जोड़ते हुए आपके भीतर कंकालिनी ऊर्जा को जगाती है।
अभी डाउनलोड करें
किंमत मात्र ₹149/-
पृष्ठ संख्या: 149
भाषा: हिंदी
विशेष संदेश:
“जो मौन सुनता है, वही देवी को जानता है।”
भय को साधना में बदलें, और साधना को देवी में।
कंकालिनी देवी तंत्र — भय नहीं, मुक्ति की दिशा।


