कमल षष्ठी पूजा
कमल षष्ठी पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों द्वारा मनाया जाता है जो धन, समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं। कमल षष्ठी का दिन हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। पूजा की विधि के अनुसार, प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। पूजा स्थल को साफ करके, देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्थापित किया जाता है। विशेष रूप से कमल के फूल, फल, धूप, दीप, और मिठाई का उपयोग किया जाता है। माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करते हुए उनकी आरती की जाती है। पूजा के अंत में प्रसाद का वितरण किया जाता है और दान-पुण्य भी किया जाता है।
कमल षष्ठी के लाभ
- धन और समृद्धि: देवी लक्ष्मी की पूजा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- सुख-शांति: पूजा से घर में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: देवी लक्ष्मी की कृपा से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मनोकामना पूर्ति: पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- पारिवारिक कल्याण: देवी लक्ष्मी की पूजा से परिवार का कल्याण होता है।
- संकटों से मुक्ति: पूजा से जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: धार्मिक क्रियाओं से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- धार्मिक लाभ: पूजा से धार्मिक लाभ प्राप्त होता है।
- धैर्य और संयम: व्रत और पूजा से धैर्य और संयम का विकास होता है।
- पापों का नाश: देवी लक्ष्मी की पूजा से पापों का नाश होता है।
- जीवन में स्थिरता: पूजा से जीवन में स्थिरता और स्थायित्व आता है।
- सौभाग्य की प्राप्ति: पूजा से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- आत्मविश्वास: पूजा से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- संतोष: पूजा से मन को संतोष और शांति मिलती है।
- व्यापार में सफलता: देवी लक्ष्मी की कृपा से व्यापार में सफलता मिलती है।
- सकारात्मक विचार: पूजा से सकारात्मक विचारों का विकास होता है।
- विवेकशीलता: धार्मिक क्रियाकलापों से विवेकशीलता का विकास होता है।
- समाज कल्याण: दान-पुण्य से समाज कल्याण में योगदान होता है।
- परिवार में प्रेम: पूजा से परिवार में प्रेम और सहयोग बढ़ता है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।