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कालाष्टमी पूजा

कालाष्टमी (Kalashtami) पूजा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भगवान भैरव को समर्पित है। यह पूजा अष्टमी तिथि को की जाती है और कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। भगवान भैरव को शिव के एक अवतार के रूप में माना जाता है, जिन्होंने क्रोध के देवता के रूप में अपना दर्शन दिया। इस पूजा का उद्देश्य भगवान भैरव की कृपा प्राप्ति करना है और उनकी कृपा से सभी कष्टों का नाश हो। यह पूजा ध्यान, भक्ति, और श्रद्धा से की जाती है।

कालाष्टमी पूजा की विधि

1. संकल्प: पूजा की शुरुआत में संकल्प लेकर पूजा करनी चाहिए।
2. गणेश पूजन: गणेश जी की पूजा करनी चाहिए ताकि पूजा सुखाद हो।
3. कलश स्थापना: कलश स्थापित कर उसमें जल और दुर्वा रखना चाहिए।
4. शोधशोपचार पूजा: देवताओं के पूजन के बाद शोधशोपचार पूजा करनी चाहिए।
5. लक्ष्मी-कुबेर पूजन: धन और समृद्धि के लिए लक्ष्मी-कुबेर की पूजा करनी चाहिए।
6. नवग्रह पूजन: नवग्रहों की पूजा करनी चाहिए ताकि ग्रहों की हानि से बचा जा सके।
7. भैरव अर्चना: भगवान भैरव की पूजा करनी चाहिए।
8. भोग लगाना: पूजा में भोग लगाना चाहिए और फिर उसे भगवान को समर्पित करना चाहिए।
9. आरती: भगवान की आरती करनी चाहिए।
10. पुष्पांजलि: फूलों की अंजलि चढ़ानी चाहिए।
11. प्रदक्षिणा: मंदिर का प्रदक्षिणा करना चाहिए।
12. प्रसाद वितरण: प्रसाद वितरित करना चाहिए।

कालाष्टमी पूजा के लाभ

1. भगवान भैरव की कृपा: कालाष्टमी पूजा करने से भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
2. कष्ट निवारण: इस पूजा से कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति का जीवन सुखमय बनता है।
3. अभिवादन: कालाष्टमी पूजा करने से पितृ और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
4. मनोकामना सिद्धि: यह पूजा मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक होती है और व्यक्ति को आनंद और संतुष्टि प्राप्त होती है।
5. दुर्भाग्य नाशन: कालाष्टमी पूजा करने से व्यक्ति का दुर्भाग्य नाश्त होता है और उसे भाग्यशाली बनाने में मदद मिलती है।
6. रोग निवारण: यह पूजा रोगों का निवारण करती है और व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
7. संतान सुख: कालाष्टमी पूजा करने से वंश परंपरा का वृद्धि होता है और परिवार में संतान सुख मिलता है।
8. धन और समृद्धि: इस पूजा से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
9. शांति: कालाष्टमी पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति का चित्त प्रसन्न रहता है।
10. समर्पण: इस पूजा करने से व्यक्ति का ईश्वर में समर्पण बढ़ता है और उसे दिव्य शक्ति का अनुभव होता है।
11. कामना पूर्ति: कालाष्टमी पूजा करने से व्यक्ति की सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे जीवन में सफलता मिलती है।
12. आत्म-विकास: यह पूजा व्यक्ति के आत्म-विकास में मदद करती है और उसे अध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है।
13. दुश्मनों से सुरक्षा: कालाष्टमी पूजा करने से व्यक्ति को दुश्मनों से सुरक्षा मिलती है और वह उनसे बच सकता है।
14. कर्म सिद्धि: यह पूजा व्यक्ति के कर्मों को सिद्ध करने में मदद करती है और उसे सफलता प्राप्त होती है।
15. बुद्धि और विवेक: कालाष्टमी पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि और विवेक बढ़ता है और उसे सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।
16. कल्याणकारी योग: इस पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में कल्याणकारी योग बनते हैं और उसे उत्तम अनुभव होता है।
17. क्रोध नियंत्रण: कालाष्टमी पूजा करने से व्यक्ति का क्रोध नियंत्रित होता है और उसे शांति मिलती है।
18. अध्यात्मिक उन्नति: यह पूजा व्यक्ति की अध्यात्मिक उन्नति में मदद करती है और उसे दिव्य ज्ञान का प्राप्त होता है।
19. स्त्री सुख: कालाष्टमी पूजा करने से स्त्री सुख मिलता है और उसकी समृद्धि होती है।
20. शत्रुओं का नाश: इस पूजा से व्यक्ति के शत्रुओं का नाश होता है और उसे सुरक्षित रहने में मदद मिलती है।

इस प्रकार, कालाष्टमी पूजा करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं और वह अपने जीवन को सुखमय और समृद्धिपूर्ण बना सकता है। इसलिए, यह पूजा ध्यान और श्रद्धा से की जानी चाहिए ताकि व्यक्ति को सभी इन लाभों का पूरा फायदा हो सके।

पूजा मुहुर्थः कृष्ण पक्ष की अष्टमी

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