देवशयनी एकादशी पूजा
देवशयनी एकादशी पूजा हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। यह पूजा श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन की जाती है, जिसे ‘देवशयनी एकादशी‘ या ‘अषाडी पूर्णिमा‘ भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु को नींद में शयन करते हुए पूजा जाता है, जिसे ‘देवशयनी’ कहा जाता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य विष्णु भगवान की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करना होता है, जो संसार में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक सिद्ध होती है। पूजा में विशेष रूप से तुलसी विवाह का भी महत्व होता है, जो इस दिन मनाया जाता है।
देवशयनी एकादशी पूजा के लाभ
- भगवान विष्णु की कृपा: इस पूजा से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- संसार में सुख-शांति: पूजा से संसार में सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
- मानसिक शांति: यह पूजा मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करती है।
- कष्टों का निवारण: देवशयनी एकादशी की पूजा से कष्टों का निवारण होता है।
- कर्मों का फल: यह पूजा कर्मों के फल को शुभ बनाने में मदद करती है।
- धर्म का पालन: इस पूजा से धर्म का पालन होता है और धार्मिकता बढ़ती है।
- सम्पत्ति की वृद्धि: यह पूजा सम्पत्ति की वृद्धि में सहायक होती है।
- आर्थिक स्थिति में सुधार: पूजा आर्थिक स्थिति में सुधार करती है और वित्तीय स्थिति में स्थिरता प्रदान करती है।
- समाज में सम्मान: इस पूजा से व्यक्ति को समाज में सम्मान प्राप्त होता है।
- उच्चतम लोकों की प्राप्ति: यह पूजा व्यक्ति को उच्चतम लोकों की प्राप्ति में सहायक होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: देवशयनी एकादशी की पूजा से स्वास्थ्य लाभ होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
- परिवार की समृद्धि: यह पूजा परिवार की समृद्धि और एकता को बढ़ाती है।
- बुद्धिमान बनाती है: इस पूजा से व्यक्ति को बुद्धिमान बनाने में सहायकता मिलती है।
- कठिनाईयों का समाधान: देवशयनी एकादशी की पूजा से कठिनाईयों का समाधान होता है।
- धर्म के नियमों का पालन: यह पूजा धर्म के नियमों का पालन करने में सहायक होती है।
- अत्यंत शुभ परिणाम: इस पूजा का आयोजन अत्यंत शुभ परिणाम देता है।
- बुराईयों से मुक्ति: देवशयनी एकादशी पूजा से व्यक्ति बुराईयों से मुक्त होता है।
- धार्मिक परिप्रेक्ष्य: इस पूजा से व्यक्ति का धार्मिक परिप्रेक्ष्य मजबूत होता है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।