काली चिरमी दाना का अध्यात्मिक महत्व
इस काली चिरमी दाना को ११०० काली मंत्रों से सिद्ध (energized) किया गया है। इस लोग काली गुंजा, काली रत्ती के नाम से भी जानते है। काला चिरमी दाना (Abrus precatorius) को पूजा व ज्योतिषीय कार्यो मे उपयोग किया जाता है। इसको घर मे रखने से घर मे क्लेश, विवाद व ब्लैमैजिक का दुष्प्रभाव कम होने लगता है। इसे धन, समृद्धि, और सुरक्षा के लिए भी उपयोग किया जाता है। काले चिरमी के दाने को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दाना विशेष रूप से माता काली की क्रृपा व धन प्राप्ति की साधनाओं में उपयोग किया जाता है।
मंत्र:
काला चिरमी दाना का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप किया जा सकता है:
ॐ ह्रीं क्रीं कालिके नमः "OM HREEM KREEM KALIKE NAMAHA"
इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इसे पूजन के समय या धन प्राप्ति की साधना के दौरान उपयोग करें।
विधि:
- साफ सफाई: सबसे पहले, चिरमी दाने को अच्छे से धो लें और उसे धूप में सुखा लें।
- पवित्र स्थान: एक पवित्र स्थान पर पूजा का आयोजन करें।
- दिया जलाएं: एक दीया जलाएं और धूप बत्ती लगाएं।
- मंत्र जाप: माता के सामने काला चिरमी दाना रखें और उपरोक्त मंत्र का 108 बार जाप करें।
- पूजन सामग्री: पूजन के दौरान चिरमी दाने के साथ फूल, चावल, और मिठाई अर्पित करें।
- स्थापना: पूजा समाप्त होने के बाद, इन दानों को अपने तिजोरी, धन स्थान या घर के पूजा स्थल में रखें।
दिन:
काला चिरमी दाना का उपयोग करने के लिए विशेष रूप से शुभ दिनों का चयन करना चाहिए। निम्नलिखित दिन शुभ माने जाते हैं:
- मंगलवार : माता की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन है।
- अमावस्या: पूर्णिमा के दिन सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इन दिनों में काला चिरमी दाना का उपयोग करके आप अपने जीवन में धन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं।
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