भीम यक्ष साधना
संकल्प शक्ति बढाने वाली भीम यक्ष साधना एक प्राचीन और प्रभावी साधना है, जो शक्ति, साहस और अपार बल प्रदान करने के लिए की जाती है। यह साधना भीम नामक यक्ष की उपासना पर आधारित है, जो महाभारत के पांडवों में से एक भीमसेन के नाम से प्रेरित है। भीम यक्ष को असीम शक्ति और बल का प्रतीक माना जाता है। इस साधना का उद्देश्य साधक को शारीरिक और मानसिक शक्ति प्रदान करना है, जिससे वह जीवन के कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना कर सके। साधना के लिए साधक को एकांत और पवित्र स्थान पर भीम यक्ष की मूर्ति या चित्र स्थापित करना चाहिए। स्वच्छ वस्त्र धारण करके साधक को धूप-दीप जलाना चाहिए और भीम यक्ष साधना सामग्री के साथ निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए:
“ॐ ह्रां ह्रीं भीम यक्षाय नमः।” “OM HRAAM HREEM BHEEM YAKSHAAY NAMAHA”
इस मंत्र का जाप नियमित रूप से 108 बार करना चाहिए। साधना के दौरान साधक को सकारात्मक विचारों और आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहना चाहिए।
भीम यक्ष साधना के लाभ:
- शारीरिक शक्ति: साधना से साधक की शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति में वृद्धि होती है।
- मानसिक बल: मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- साहस और वीरता: जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और वीरता प्राप्त होती है।
- संकट निवारण: साधना से जीवन में आने वाले संकटों और बाधाओं का निवारण होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: साधक के शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: साधक का स्वास्थ्य बेहतर होता है और वह निरोगी रहता है।
- आकर्षण और प्रभाव: व्यक्तित्व में आकर्षण और प्रभावशालीता बढ़ती है।
- धन और समृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- सफलता: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
- रोगों से मुक्ति: विभिन्न रोगों और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह आत्म-साक्षात्कार की दिशा में बढ़ता है।
- सुरक्षा: साधक और उसके परिवार को नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है।
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