बहुला चतुर्थी पूजा का महत्व
बहुला चतुर्थी का व्रत भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इसे बहुला चौथ या बहुला चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन गौ माता और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को विशेष रूप से गौ माता की रक्षा और उनकी समृद्धि के लिए किया जाता है। बहुला चतुर्थी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके सभी कष्ट दूर होते हैं।
बहुला चतुर्थी व्रत के लाभ
- अशुभ शक्तियों से रक्षा – सभी अशुभ शक्तियों से रक्षा होती है।
- पुण्य प्राप्ति – इस व्रत को करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है।
- पापों का नाश – यह व्रत मनुष्य के सभी पापों का नाश करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
- स्वास्थ्य लाभ – गौ माता की पूजा से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मन की शांति – मन को शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।
- धन की प्राप्ति – आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
- परिवार की सुख-शांति – परिवार में सुख और शांति का वास होता है।
- मित्रता का संबंध – मित्रों और परिजनों के साथ संबंधों में सुधार होता है।
- लंबी आयु – इस व्रत के प्रभाव से आयु लंबी होती है।
- भगवान गणेश की कृपा – भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- विवाह में विलंब का निवारण – जिनके विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें इस व्रत के प्रभाव से शीघ्र विवाह होता है।
- संतान प्राप्ति – निःसंतान दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- वृद्धावस्था में सुख – वृद्धावस्था में सुख और शांति मिलती है।
- कष्टों का निवारण – जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है।
- मृत्यु के बाद मोक्ष – मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- आयुर्वेदिक लाभ – गौ माता की सेवा से शरीर को आयुर्वेदिक लाभ मिलते हैं।
- पारिवारिक कलह का निवारण – परिवार में हो रहे कलह का निवारण होता है।
- धार्मिक लाभ – धार्मिक कृत्यों में विशेष लाभ प्राप्त होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा – सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है जिससे जीवन में नए उत्साह का संचार होता है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।