बगलामुखी यंत्र क्या है?
इस बगलामुखी यंत्र ११०१ बार बगलामुखी मंत्र से सिद्ध (energized) किया गया है। छुपे शत्रुओं से बचाने वाली बगलामुखी यंत्र को विशेष रूप से शत्रुओं को शांत करने, विवादों को समाप्त करने, और न्यायालय में विजय प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।
बगलामुखी यंत्र के लाभ
- शत्रु नियंत्रण: यह यंत्र शत्रुओं को नियंत्रित करने और उनके बुरे प्रभावों से बचाने में सहायक होता है।
- विवाद निवारण: कानूनी मामलों, पारिवारिक झगड़ों, और अन्य विवादों में सफलता दिलाने में सहायक।
- न्याय में विजय: न्यायिक मामलों में विजय प्राप्त करने के लिए इसे प्रयोग किया जाता है।
- धन और समृद्धि: जीवन में धन और समृद्धि लाने में सहायक।
- सुरक्षा: बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- शत्रुओं को शांत करना: शत्रुओं के बुरे इरादों और कर्मों को शांत करने में मदद करता है।
- बाधाओं का निवारण: जीवन में आने वाली विभिन्न बाधाओं और समस्याओं का निवारण करता है।
- संपत्ति की रक्षा: संपत्ति और अन्य धन-सम्पत्ति की रक्षा करता है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में सहायक।
- स्वास्थ्य में सुधार: स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में सुधार लाने में सहायक।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान में वृद्धि करता है।
- व्यवसाय में सफलता: व्यवसाय और व्यापार में सफलता प्राप्त करने के लिए सहायक।
- रिश्तों में सुधार: पारिवारिक और वैवाहिक रिश्तों में सुधार लाता है।
- शांति और सौहार्द्र: घर में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने में सहायक।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक साधना और उन्नति में सहायक।
बगलामुखी यंत्र की स्थापना और पूजा विधि
- स्वच्छता: मंगलवार को यंत्र (yantra) की स्थापना से पहले अपने शरीर और पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
- पूजा सामग्री: यंत्र (yantra) की पूजा के लिए हल्दी, चंदन, रोली, पुष्प, धूप, दीपक, और नैवेद्य तैयार करें।
- मंत्र जाप: देवी बगलामुखी के मंत्रों का जाप करें, जैसे कि “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा”।
- यंत्र स्थापना: यंत्र (yantra) को पूजा स्थल पर रखें और उस पर हल्दी, चंदन, और पुष्प अर्पित करें।
- आरती और हवन: देवी की आरती करें और हवन में आहुति दें।
निष्कर्ष
बगलामुखी यंत्र (yantra) एक अत्यंत शक्तिशाली यंत्र है जिसे सही विधि से स्थापित और पूजा करने पर अनेक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। इसे अपने जीवन में शामिल करने से शत्रु नियंत्रण, विवाद निवारण, और धन-समृद्धि में वृद्धि हो सकती है।