इस अष्ट लक्ष्मी यंत्र को ११०१ बार अष्ट लक्ष्मी मंत्र से सिद्ध किया गया है। ये यंत्र (Ashta-Lakshmi Yantra) एक पवित्र और शुभ यंत्र है जो धन, समृद्धि, और खुशहाली की देवी लक्ष्मी के आठ रूपों का प्रतिनिधित्व करता है। इन आठ रूपों को अष्ट-लक्ष्मी के नाम से जाना जाता है। अष्ट-लक्ष्मी यंत्र का उपयोग विशेष रूप से धन-संपत्ति, समृद्धि, शांति और सुख-समृद्धि को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
अष्ट-लक्ष्मी के आठ रूप:
- आदि लक्ष्मी: आदि लक्ष्मी को आदि शक्ति या मूल लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है।
- धन लक्ष्मी: धन लक्ष्मी धन और वैभव की देवी हैं।
- धन्य लक्ष्मी: धन्य लक्ष्मी अनाज और खाद्य सामग्री की देवी हैं।
- गज लक्ष्मी: गजा लक्ष्मी हाथियों के साथ दिखाई देती हैं और संपत्ति व ऐश्वर्य की देवी हैं।
- संतान लक्ष्मी: संतान लक्ष्मी बच्चों और वंश की देवी हैं।
- विजय लक्ष्मी: विजय लक्ष्मी विजय और सफलता की देवी हैं।
- विद्या लक्ष्मी: विद्या लक्ष्मी शिक्षा और ज्ञान की देवी हैं।
- ऐश्वर्य लक्ष्मी: ऐश्वर्य लक्ष्मी ऐश्वर्य, धन और सम्पत्ति की देवी हैं।
अष्ट-लक्ष्मी यंत्र के लाभ:
- धन और समृद्धि: यह यंत्र धन और समृद्धि को आकर्षित करता है और आर्थिक स्थिरता लाता है।
- सुख-शांति: यह घर में सुख-शांति और संतोष का वातावरण बनाता है।
- स्वास्थ्य और संतान: संतान लक्ष्मी के आशीर्वाद से स्वस्थ संतान और परिवार में खुशी आती है।
- विजय और सफलता: विजय लक्ष्मी के आशीर्वाद से सभी कार्यों में विजय और सफलता प्राप्त होती है।
- शिक्षा और ज्ञान: विद्या लक्ष्मी की कृपा से शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि होती है।
अष्ट-लक्ष्मी यंत्र को कैसे स्थापित करें:
- शुभ मुहूर्त में स्थापना: किसी शुभ मुहूर्त में या शुक्रवार के दिन यंत्र की स्थापना करें।
- स्वच्छता: यंत्र को स्वच्छ स्थान पर रखें और नियमित रूप से इसकी सफाई करें।
- पूजन विधि: यंत्र को स्थापित करने से पहले इसका पूजन करें, इसमें चावल, फूल, धूप, दीप, और मिठाई चढ़ाएं।
- मंत्र जप: अष्ट-लक्ष्मी यंत्र के सामने “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं अष्ट लक्ष्म्यै नमः” “OM SHREEM HREEM ASHTA LAKSHMEYA NAMAHA” मंत्र का जप करें।
ध्यान रखे:
- यंत्र को हमेशा साफ और पवित्र स्थान पर रखें।
- नियमित रूप से यंत्र का पूजन करें और मंत्र का जप करें।
- यंत्र को धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
इस प्रकार, अष्ट-लक्ष्मी यंत्र की स्थापना और पूजन से धन, समृद्धि, सुख-शांति, और सभी प्रकार की भौतिक एवं आध्यात्मिक संपत्तियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।