स्वाधिष्ठान चक्र चिकित्सा: भावनाओं और स्वभाव पर नियंत्रण
Swadhisthana Chakra Healing Ebook मानव जीवन की सबसे बड़ी चुनौती है – अपनी भावनाओं और स्वभाव पर नियंत्रण रखना। गुस्सा, दुख, भय, असुरक्षा और नशे जैसी आदतें धीरे-धीरे व्यक्ति की क्षमता को कम कर देती हैं। वहीं, आत्मविश्वास, मधुर स्वभाव और रचनात्मक सोच जीवन को सफलता और संतुलन की ओर ले जाती है। यही संतुलन पाने का रहस्य छिपा है स्वाधिष्ठान चक्र में, जो नाभि के नीचे स्थित एक अद्भुत ऊर्जा केंद्र है।
जब स्वाधिष्ठान चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति का स्वभाव आकर्षक हो जाता है, भावनाएँ नियंत्रित रहती हैं और रिश्तों में मधुरता आती है। वहीं, इसके असंतुलन से गुस्सा, उदासी, डर और बुरी आदतों की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। यह चक्र जल तत्व से जुड़ा है, इसलिए इसका प्रभाव हमारे जीवन की भावनाओं और ऊर्जा प्रवाह पर सीधा पड़ता है।
DivyayogAshram द्वारा प्रस्तुत यह ईबुक “स्वाधिष्ठान चक्र चिकित्सा: भावनाओं और स्वभाव पर नियंत्रण” आपको व्यावहारिक उपायों, योग, प्राणायाम, ध्यान, ध्वनि और रंग चिकित्सा जैसी विधियों के माध्यम से भावनात्मक और मानसिक संतुलन पाने का मार्ग दिखाती है। 123 पन्नों में संकलित यह ज्ञान साधारण जीवन को असाधारण बनाने की शक्ति रखता है।
पेज संख्या: 123
मूल्य: ₹99/-
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: DivyayogAshram
परिचय
- क्या आप अक्सर गुस्से, दुख या असुरक्षा से परेशान रहते हैं?
- क्या आपके रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है?
- क्या आत्मविश्वास की कमी आपके जीवन की सफलता को रोक रही है?
यदि हाँ, तो इसका समाधान है – स्वाधिष्ठान चक्र चिकित्सा।
यह ईबुक “स्वाधिष्ठान चक्र चिकित्सा: भावनाओं और स्वभाव पर नियंत्रण” आपको जीवन की भावनाओं को समझने, नियंत्रित करने और संतुलित करने का अद्भुत मार्ग दिखाती है। 123 पन्नों की यह ईबुक केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं देती, बल्कि इसमें व्यावहारिक साधनाएँ, ध्यान विधियाँ, प्राणायाम, योगासन और रंग चिकित्सा जैसे प्रयोग शामिल हैं, जिन्हें कोई भी अपने दैनिक जीवन में अपना सकता है।
DivyayogAshram के अनुभवी साधकों द्वारा तैयार इस ईबुक में आपको सटीक मार्गदर्शन मिलेगा कि कैसे भावनात्मक असंतुलन से निकलकर आत्मविश्वास, आकर्षण और शांति से भरा जीवन जिया जाए।
इस ईबुक में क्या मिलेगा?
- स्वाधिष्ठान चक्र का परिचय – स्थान, महत्व और रहस्य।
- भावनाओं पर नियंत्रण – गुस्सा, दुख और भय से मुक्ति के उपाय।
- स्वभाव सुधार तकनीक – आकर्षण, प्रेम और संबंधों में सामंजस्य।
- ध्वनि चिकित्सा – बीज मंत्र “वं” के जप की शक्ति।
- रंग चिकित्सा – नारंगी रंग का उपयोग और लाभ।
- प्राणायाम और ध्यान – श्वास-प्रश्वास व कल्पना शक्ति के प्रयोग।
- योगासन और व्यायाम – पेट, नाभि और भावनाओं को संतुलित करने के आसन।
- जल तत्व और भावनात्मक शुद्धि – नकारात्मकता से मुक्ति के उपाय।
- नशों और बुरी आदतों से मुक्ति – विशेष साधनाएँ और प्रयोग।
- दैनिक साधना क्रम (सुबह से रात तक) – आसान और व्यावहारिक दिनचर्या।
- स्त्रियों और पुरुषों के लिए विशेष साधनाएँ – ऊर्जा और स्वभाव संतुलन हेतु।
- बच्चों और युवाओं के लिए चिकित्सा – स्वभाव सुधार और आत्मविश्वास बढ़ाने की विधियाँ।
इस ईबुक से आपको मिलने वाले लाभ
- गुस्सा, भय और दुख पर नियंत्रण।
- आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में वृद्धि।
- नशों और बुरी आदतों से मुक्ति।
- रिश्तों में प्रेम और मधुरता।
- पेट और नाभि से जुड़ी समस्याओं से राहत।
- रचनात्मकता और ऊर्जा प्रवाह का विकास।
- सकारात्मक सोच और अनुशासित जीवनशैली।
- मानसिक शांति और स्थिरता।
- सामाजिक आकर्षण और सम्मान।
- आध्यात्मिक साधना में गहराई और सफलता।
यह ईबुक क्यों ख़ास है?
- सरल हिंदी भाषा में लिखी गई।
- हर व्यक्ति के लिए आसान साधनाएँ और प्रयोग।
- 123 पृष्ठों का व्यावहारिक और गहन ज्ञान।
- केवल ₹99/- की किफायती कीमत।
- भावनाओं और स्वभाव पर नियंत्रण पाने का चरणबद्ध मार्ग।
अभी खरीदें
यह ईबुक आपकी जिंदगी में भावनाओं और स्वभाव का संतुलन लाने के लिए बनी है। केवल ₹139/- में इस ईबुक को प्राप्त करें और जीवन को नई दिशा दें।
दिव्ययोग आश्रम का संदेश
DivyayogAshram का विश्वास है कि हर इंसान के भीतर अपार शक्ति है। यदि भावनाओं और स्वभाव पर नियंत्रण पा लिया जाए, तो जीवन में न केवल भौतिक सफलता मिलती है बल्कि आध्यात्मिक ऊँचाइयाँ भी प्राप्त होती हैं। यह ईबुक उसी दिशा में आपका पहला कदम है।