ऋषि पंचमी पूजा
ऋषि पंचमी हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन सप्तऋषियों की पूजा का विशेष महत्व है। यह पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है, जो इस दिन व्रत रखती हैं और शुद्धता, पवित्रता, और तपस्या का पालन करती हैं। ऋषि पंचमी पूजा के दौरान सप्तऋषियों (कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, और वशिष्ठ) की आराधना की जाती है। पूजा में गंगा जल, दूध, फूल, फल, और विभिन्न अनाज का प्रयोग किया जाता है। यह पूजा महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति दिलाती है और उनके जीवन में सुख-शांति लाती है।
ऋषि पंचमी पूजा के लाभ
- पापों से मुक्ति – पूजा से पिछले जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति – आध्यात्मिक उन्नति और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
- धन और समृद्धि – आर्थिक स्थिति में सुधार और समृद्धि प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार – शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मन की शांति – मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
- पारिवारिक सुख – परिवार में सुख, शांति, और प्रेम का संचार होता है।
- सफलता प्राप्ति – कार्यों में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
- विपत्तियों से रक्षा – जीवन में आने वाली विपत्तियों से सुरक्षा मिलती है।
- रोगों से मुक्ति – पूजा से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
- भय से मुक्ति – पूजा से भय और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- ज्ञान और विवेक – पूजा करने से ज्ञान और विवेक में वृद्धि होती है।
- पवित्रता और शुद्धि – मन, शरीर, और आत्मा की पवित्रता और शुद्धि प्राप्त होती है।
- कर्मों का फल – अच्छे कर्मों का शुभ फल मिलता है।
- संकटों का निवारण – जीवन के संकटों और बाधाओं का निवारण होता है।
- धार्मिक स्थिरता – धार्मिक और आध्यात्मिक स्थिरता प्राप्त होती है।
- विवाह में समस्याओं का समाधान – विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।
- संतान सुख – नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- साहस और आत्मविश्वास – साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- जीवन में सकारात्मकता – जीवन में सकारात्मकता और उत्साह का संचार होता है।
- आयु में वृद्धि – पूजा से आयु में वृद्धि होती है और जीवन लंबा होता है।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।