रसाहार चिकित्सा ईबुक: स्वास्थ्य का रसयुक्त सफर
Rasahar Chikitsa Ebook मनुष्य के जीवन में भोजन केवल ऊर्जा का स्रोत नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागरण का आधार भी है। आयुर्वेद में कहा गया है कि “आहार ही औषधि है।” जब भोजन को सजगता, संतुलन और समझ के साथ लिया जाता है, तब वही भोजन शरीर को अमृत की तरह पोषण देता है।
रसाहार चिकित्सा इसी सिद्धांत पर आधारित एक अद्भुत प्रणाली है, जिसमें भोजन के छह रसों — मधुर, अम्ल, लवण, कटु, तिक्त और कषाय — के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा का संतुलन स्थापित किया जाता है। DivyayogAshram की यह पुस्तक “रसाहार चिकित्सा: स्वास्थ्य का रसयुक्त सफर” पाठकों को यह समझाने के लिये लिखी गई है कि स्वाद केवल जिह्वा का आनंद नहीं, बल्कि शरीर का विज्ञान है।
यह पुस्तक हर व्यक्ति को यह सिखाती है कि भोजन को केवल पेट भरने का साधन न मानें, बल्कि उसे एक आध्यात्मिक साधना बनाएं। जब भोजन में रस संतुलित होता है, तब शरीर स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न होता है और जीवन स्वयं ‘रसयुक्त’ बन जाता है। यही है — सच्चे स्वास्थ्य का मार्ग।
(DivyayogAshram द्वारा प्रस्तुत)
मूल्य: ₹149/-
पृष्ठ संख्या: 226
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: DivyayogAshram
ISBN: (2025)
परिचय
क्या आप जानते हैं कि भोजन केवल शरीर को पोषण नहीं देता, बल्कि आपके मन, भावनाओं और आत्मा को भी प्रभावित करता है?
रसाहार चिकित्सा एक ऐसी प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति है जो बताती है कि “भोजन ही दवा है, और रस ही जीवन।”
DivyayogAshram द्वारा तैयार यह विशेष 226 पृष्ठों की ईबुक “रसाहार चिकित्सा: स्वास्थ्य का रसयुक्त सफर” उन सभी लोगों के लिये है जो भोजन के माध्यम से प्राकृतिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त करना चाहते हैं।
यह पुस्तक आयुर्वेद, योग और आधुनिक स्वास्थ्य विज्ञान — तीनों का संगम है। इसमें बताया गया है कि कैसे भोजन के छः रस (मीठा, खट्टा, नमकीन, तीखा, कड़वा और कसैला) शरीर के त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करके रोगों का उपचार करते हैं।
इस पुस्तक में क्या मिलेगा (What You’ll Learn):
1. रस का रहस्य – स्वाद से स्वास्थ्य तक
जानिए छः रसों की शक्ति — मीठा, खट्टा, नमकीन, तीखा, कड़वा और कसैला — और वे शरीर, मन और आत्मा को कैसे प्रभावित करते हैं।
2. त्रिदोष संतुलन का विज्ञान (Vata, Pitta, Kapha)
कैसे प्रत्येक रस दोषों को संतुलित या असंतुलित करता है, और किस व्यक्ति को कौन सा स्वाद उपयुक्त है।
3. प्रकृति के अनुसार सही भोजन
आपकी शारीरिक प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के अनुसार सही आहार और रसों का चयन कैसे करें — विस्तृत चार्ट सहित समझाया गया है।
4. ऋतु के अनुसार रस परिवर्तन का नियम
हर ऋतु में भोजन और स्वाद बदलने का विज्ञान — वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर के लिये विशेष रस मार्गदर्शन।
5. भोजन और मन का संबंध
भोजन केवल शरीर नहीं, मन को भी प्रभावित करता है। जानिए कौन सा स्वाद आपको प्रसन्नता, ऊर्जा और शांति प्रदान करता है।
6. दिनचर्या में रस संतुलन के उपाय
सुबह से रात तक कैसे भोजन, योग और ध्यान से अपने रसों का संतुलन बनाए रखें — आसान और व्यावहारिक तरीके।
7. गलत रस सेवन से उत्पन्न रोग
गलत स्वाद या असंतुलित भोजन कैसे पाचन, त्वचा, हृदय और मन के रोगों का कारण बनता है, और उनसे बचाव के सरल उपाय।
8. रसाहार चिकित्सा से रोगों का उपचार
मोटापा, मधुमेह, अनिद्रा, त्वचा रोग, पाचन विकार और मानसिक तनाव — इन सभी का समाधान रस चिकित्सा के माध्यम से कैसे करें।
9. रस ध्यान – भोजन को साधना बनाएं
DivyayogAshram की विशेष ध्यान विधि, जिसमें भोजन के समय रस को अनुभव कर शरीर और मन को शुद्ध किया जाता है।
10. जीवनशैली और योग का संगम
कौन से योगासन और प्राणायाम शरीर में रस प्रवाह को संतुलित करते हैं — हर प्रकृति के लिये विशेष योग मार्गदर्शन।
Rasahar Chikitsa Ebook क्यों पढ़ें (Why You Should Read This Book):
- यह केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि एक जीवन जीने की कला सिखाती है।
- DivyayogAshram की वास्तविक चिकित्सा प्रणाली पर आधारित।
- वैज्ञानिक, आध्यात्मिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण का सुंदर संयोजन।
- हर पाठक अपने शरीर के संकेतों को समझना और उनका उपचार स्वयं करना सीख सकता है।
- आधुनिक जीवनशैली में अपनाने योग्य प्राकृतिक उपाय।
पुस्तक से मिलने वाले लाभ (Key Benefits):
- शरीर के रसों और दोषों का संतुलन।
- बिना दवा के रोगों में सुधार।
- पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।
- मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता।
- प्राकृतिक सौंदर्य और तेज़ में वृद्धि।
- आध्यात्मिक साधना के लिये उपयुक्त शरीर और मन।
- जीवन में सादगी और सजगता का विकास।
यह पुस्तक किनके लिये उपयुक्त है (Who Should Read This Book):
- जो व्यक्ति प्राकृतिक चिकित्सा या आयुर्वेदिक उपचार में रुचि रखते हैं।
- जो तनाव, अनिद्रा, थकान या असंतुलित जीवनशैली से परेशान हैं।
- योग साधक और ध्यानकर्ता जो अपने भोजन को साधना का हिस्सा बनाना चाहते हैं।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञ, वैद्य, और हीलर जो रस चिकित्सा के व्यावहारिक प्रयोग सीखना चाहते हैं।
DivyayogAshram की विशेषता
DivyayogAshram भारत की एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक एवं आयुर्वेदिक संस्था है जो पिछले कई वर्षों से “प्राकृतिक चिकित्सा, योग साधना, और रस विज्ञान” पर कार्य कर रही है।
इस ईबुक में वही प्रामाणिक अनुभव, प्रयोग और साधनाएँ साझा की गई हैं जो आश्रम में प्रत्यक्ष रूप से प्रयोग की जाती हैं।
पुस्तक से एक झलक (Excerpt):
“रस केवल भोजन का स्वाद नहीं, बल्कि जीवन का सार है।
जब रस संतुलित होता है, तब मन शांत रहता है, और जब मन शांत होता है, तब स्वास्थ्य अमृत बन जाता है।”
– DivyayogAshram
खरीदने का कारण (Call to Action):
अब समय है अपने स्वास्थ्य को प्रकृति की लय में लाने का। रसाहार चिकित्सा आपको सिखाएगी कि भोजन कैसे आपकी सबसे बड़ी औषधि बन सकता है।
🛒 अभी खरीदें केवल ₹149/- में
अंत मे
“रस में ही जीवन है।”
DivyayogAshram की यह पुस्तक हर पाठक को यह समझाती है कि शरीर और मन का संतुलन किसी जादू से नहीं, बल्कि सही भोजन और सही दृष्टिकोण से आता है।
अगर आप स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आत्मिक ऊर्जा की खोज में हैं, तो “रसाहार चिकित्सा: स्वास्थ्य का रसयुक्त सफर” आपका मार्गदर्शक बनेगी।
लेखक: DivyayogAshram वैद्य एवं शोध टीम
मूल्य: ₹149/-
पृष्ठ: 226
भाषा: हिंदी
उपलब्धता: केवल www.divyayogastore.com पर