वंश को बढाने वाली मातृका यक्षिणी भी मातृकाओं की एक विशेष श्रेणी का हिस्सा है जिन्हें तंत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है। इनका संबंध विशेष रूप से मातृकाओं से होता है, जिन्हें देवी काली की सहयोगिनी के रूप में जाना जाता है। इन यक्षिणियों का संबंध शक्ति और सृष्टि व वंश के निर्माण से होता है। ये यक्षिणियां अत्यंत शक्तिशाली होती हैं और इनकी साधना करने से साधक को अनगिनत लाभ मिलते हैं।
मातृका यक्षिणी की लाभ:
- शक्ति की प्राप्ति: मातृका यक्षिणी का पूजन करने से व्यक्ति को अत्यधिक शक्ति प्राप्त होती है।
- सुरक्षा की प्राप्ति: इनकी साधना से व्यक्ति को सुरक्षा मिल सकती है और नकारात्मक ऊर्जाओं और संवेदनशीलताओं से बचाव होता है।
- समृद्धि की प्राप्ति: मातृका यक्षिणी के पूजन से व्यक्ति को समृद्धि और सफलता मिलती है।
- मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि: इनकी साधना से व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक समृद्धि मिल सकती है, जिससे उसका आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ता है।
- नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश: मातृका यक्षिणी की साधना से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करने में मदद मिलती है।
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