शत्रु से मुक्ति दिलाने वाली कूष्माण्डा देवी दुर्गा के नौ रूपों में से चौथा रूप हैं, जिन्हें नवरात्रि के चौथे दिन पूजा जाता है। कूष्माण्डा का नाम संस्कृत के शब्द ‘कू’ (थोड़ा), ‘उष्मा’ (ऊर्जा या गर्मी) और ‘अंड’ (ब्रह्मांड) से बना है, जो बताता है कि देवी कूष्माण्डा ने अपनी हंसी से ब्रह्मांड की रचना की। यह देवी अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शक्ति प्रदान करती हैं।
कूष्माण्डा देवी के लाभ:
- स्वास्थ्य: देवी की पूजा से रोगों का नाश होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- समृद्धि: कूष्माण्डा देवी की कृपा से जीवन में धन, वैभव और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- शक्ति: देवी की आराधना से मानसिक और शारीरिक शक्ति की प्राप्ति होती है।
- मन की शांति: साधना से मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
- संकटों का नाश: देवी की पूजा से जीवन के सभी संकट और बाधाओं का नाश होता है।
- रक्षाः इस साधना से पूरे परिवार की सुरक्षा होती है।
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