शत्रुओं से पीछा छुडान वाला “धूम्रलोचन रक्षा कवच” एक शक्तिशाली कवच है जो मां दुर्गा के भयानक स्वरूप, धूम्रलोचन की कृपा और आशीर्वाद से व्यक्ति को अशुभ प्रभावों से रक्षा करता है। जो भक्त इस कवच को धारण करता है, उसे हर तरह की सुरक्षा के साथ शक्ति, साहस, और निर्भीकता का अनुभव होता है और उसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है। इसके अलावा, यह कवच व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक दिशा में अग्रसर बनाता है और उसे धर्म का पालन करने की प्रेरणा प्रदान करता है।
दुर्गा धूम्रलोचन रक्षा कवच के लाभ:
- शक्ति और साहस: इस कवच को पहनने से व्यक्ति को शक्ति और साहस की प्राप्ति हो सकती है और उसे अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
- अशुभ प्रभावों से सुरक्षा: यह कवच व्यक्ति को अशुभ प्रभावों से सुरक्षित रखता है और उसे नए उत्साह और साहस का अनुभव कराता है।
- धर्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति: इस कवच को पहनने से व्यक्ति को धर्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
- सुख और समृद्धि: यह कवच सुख और समृद्धि की प्राप्ति में सहायक होता है।
धूम्रलोचन रक्षा कवच का कवच का मुहूर्त और धारण की विधि:
- मंगलवार: मंगलवार को इस कवच को पहनने से लाभ हो सकता है। मंगलवार को मां दुर्गा का विशेष पूजन किया जाता है।
- नवरात्रि: नवरात्रि के नौ दिनों में, खासतौर पर अष्टमी और नवमी तिथियों पर “धूम्रलोचन रक्षा कवच” का पहनना शुभ माना जाता है।