“आज्ञा चक्र चिकित्सा: सरल उपाय एवं दिव्य दृष्टि” ई-बुक विवरण
Agya Chakra Chikitsa Ebook मनुष्य की चेतना का सबसे गहरा द्वार आज्ञा चक्र है। यही वह केंद्र है जो विचार, निर्णय और अंतर्ज्ञान को नियंत्रित करता है। जब यह चक्र संतुलित होता है, तो व्यक्ति का मन शांत, दृष्टि स्पष्ट और जीवन दिशा-संपन्न होता है। लेकिन जब यह अवरुद्ध होता है, तो भ्रम, तनाव और निर्णय में कमजोरी आती है।
DivyayogAshram द्वारा प्रस्तुत यह 187 पृष्ठों की विशेष ई-बुक “आज्ञा चक्र चिकित्सा: सरल उपाय एवं दिव्य दृष्टि” साधकों और गृहस्थों दोनों के लिए समान रूप से उपयोगी है। इसमें आज्ञा चक्र को शुद्ध और सक्रिय करने की आसान विधियाँ दी गई हैं, जिन्हें कोई भी अपने दैनिक जीवन में अपना सकता है।
यह पुस्तक केवल ज्ञान नहीं, अनुभव है – प्रकाश की उस यात्रा का, जहाँ साधक अपनी अंतर्ज्ञान शक्ति को पहचानता है और दिव्य दृष्टि प्राप्त करता है।
मूल्य: ₹149/-
पृष्ठ संख्या: 187
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: DivyayogAshram
सहायता: WhatsApp & Arattai – 7710812329
इस ई-बुक में क्या मिलेगा
- आज्ञा चक्र का परिचय और उसका रहस्य।
- बिंदु त्राटक, श्वास ध्यान, ध्वनि चिकित्सा और रंग चिकित्सा की सरल विधियाँ।
- स्वप्न, अंतर्ज्ञान और दिव्य दृष्टि का गहरा संबंध।
- क्रिस्टल, सुगंध और ज्योति ध्यान के प्रयोग से मानसिक संतुलन।
- आज्ञा यंत्र निर्माण और पूजन विधि की पूर्ण जानकारी।
- दैनिक जीवन में वाणी, दृष्टि और विचारों को शुद्ध करने के उपाय।
- गुरु दीक्षा और साधक अनुभवों पर आधारित प्रेरक अध्याय।
DivyayogAshram की यह पुस्तक साधना को कठिन नहीं, सरल बनाती है। इसे पढ़ने के बाद साधक को अपने भीतर एक नई दृष्टि और प्रकाश का अनुभव होता है।
क्यों पढ़ें “आज्ञा चक्र चिकित्सा”
आज की तेज़ जीवनशैली में मन बिखर गया है, निर्णयों में स्पष्टता नहीं रही। ध्यान लगाने में कठिनाई और अंतर्ज्ञान कमजोर हो गया है।
DivyayogAshram का अनुभव बताता है कि आज्ञा चक्र का संतुलन मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक सभी स्तरों पर शांति लाता है। यह ई-बुक इस संतुलन को प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टिकोणों से मार्गदर्शन देती है।
यह उन लोगों के लिए है जो अपनी आंतरिक शक्ति को जगाना चाहते हैं, जो ध्यान में स्थिरता और जीवन में दिशा खोज रहे हैं।
प्रमुख विषय
- आज्ञा चक्र का रहस्य और ऊर्जा संरचना
- गुरु दृष्टि और अंतर्ज्ञान का जागरण
- त्राटक साधना और दृष्टि नियंत्रण की प्रक्रिया
- श्वास चिकित्सा और प्राण द्वारा आज्ञा जागरण
- नाड़ी शुद्धि प्राणायाम और मानसिक शांति
- ध्वनि चिकित्सा – ‘ॐ’ और ‘हं’ का जप-विज्ञान
- क्रिस्टल और रंग चिकित्सा के माध्यम से ऊर्जा संतुलन
- सुगंध चिकित्सा – चंदन, कपूर, लवेंडर के प्रभाव
- आज्ञा यंत्र निर्माण, पूजन और प्रयोग विधि
- स्वप्न, अंतर्ज्ञान और दिव्य दृष्टि प्राप्ति
- साधकों के वास्तविक अनुभव और परिणाम
DivyayogAshram की भाषा सरल, अनुभवपरक और प्रेरक है, जिससे पाठक सीधे साधना की भावना से जुड़ता है।
लाभ
- मानसिक तनाव और अस्थिरता में सुधार।
- निर्णय क्षमता और आत्मविश्वास में वृद्धि।
- ध्यान में गहराई और एकाग्रता का विकास।
- अंतर्ज्ञान और दिव्य दृष्टि का जागरण।
- भय, भ्रम और नकारात्मकता से मुक्ति।
- वाणी और विचारों में शुद्धता का विकास।
- गुरु ऊर्जा से जुड़कर जीवन में दिशा प्राप्ति।
DivyayogAshram के अनुभवी साधकों का कहना है कि इस पुस्तक की विधियों को अपनाने से जीवन में आश्चर्यजनक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले।
किसके लिए उपयुक्त
- जो ध्यान, योग या साधना आरंभ करना चाहते हैं।
- जो अपने जीवन में निर्णय और दिशा को लेकर भ्रमित हैं।
- जो मानसिक शांति, नींद और आत्मिक स्पष्टता चाहते हैं।
- जो अपनी अंतर्ज्ञान शक्ति को पहचानना चाहते हैं।
- जो गुरु ऊर्जा और दिव्य दृष्टि से जुड़ना चाहते हैं।
यह ई-बुक गृहस्थ, योगी और साधक – सभी के लिए मार्गदर्शक ग्रंथ है।
लेखक और संस्थान
DivyayogAshram भारत की एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक संस्था है जो चक्र चिकित्सा, मंत्र साधना और ध्यान विधियों पर कार्य करती है। इस पुस्तक में गुरुजी शिवानंद दास जी के अनुभव और शिक्षाओं का सार समाहित है।
उनका उद्देश्य है – हर व्यक्ति अपने भीतर की दिव्य चेतना को पहचान सके और जीवन को प्रकाश में बदल सके।
Vishuddha chakra chikitsa ebook- hindi
ई-बुक की विशेषताएँ
- सरल भाषा और स्पष्ट उदाहरण।
- साधना के वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों पक्षों का वर्णन।
- 187 पृष्ठों में चरणबद्ध साधना मार्गदर्शन।
- ध्यान और अनुभव के लिए चित्रात्मक निर्देश।
- DivyayogAshram का प्रमाणित साधना क्रम।
यह ई-बुक केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि आत्मिक अभ्यास के लिए बनाई गई है।
कैसे प्राप्त करें
इस ई-बुक को आप सीधे DivyayogAshram की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
भुगतान के बाद तुरंत डाउनलोड लिंक आपके ईमेल और WhatsApp पर उपलब्ध होगा।
मूल्य: ₹149/-
सहायता: WhatsApp & Arattai – 7710812329
अंत मे
“आज्ञा चक्र चिकित्सा: सरल उपाय एवं दिव्य दृष्टि” आत्म-जागरण की दिशा में एक अद्भुत मार्गदर्शक ग्रंथ है। यह पुस्तक मन, दृष्टि और चेतना को एक बिंदु पर लाकर साधक को भीतर की रोशनी से परिचित कराती है।
DivyayogAshram के अनुसार, यह पुस्तक पढ़ना मात्र ज्ञान प्राप्त करना नहीं, बल्कि अपने भीतर प्रकाश को अनुभव करना है। जब आज्ञा चक्र जागृत होता है, तो व्यक्ति स्वयं गुरु, साक्षी और साधक बन जाता है। यही है इस ग्रंथ का उद्देश्य – “दिव्य दृष्टि की ओर यात्रा।”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या यह ई-बुक शुरुआती साधकों के लिए उपयुक्त है?
हाँ, इसमें दिए उपाय इतने सरल हैं कि कोई भी साधक इन्हें सहजता से कर सकता है।
2. क्या इस पुस्तक में ध्यान विधियाँ भी दी गई हैं?
हाँ, इसमें त्राटक, श्वास ध्यान, रंग और ध्वनि चिकित्सा जैसी ध्यान विधियाँ विस्तार से दी गई हैं।
3. क्या इसे बिना गुरु के भी पढ़ा जा सकता है?
जी हाँ, इसमें साधना के ऐसे उपाय हैं जिन्हें गृहस्थ भी सुरक्षित रूप से कर सकते हैं।
4. क्या यह पुस्तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी उपयोगी है?
हाँ, DivyayogAshram ने इसमें वैज्ञानिक आधारों पर ऊर्जा और चक्रों की व्याख्या की है।
5. क्या इसे मोबाइल या टैब पर पढ़ा जा सकता है?
हाँ, यह पीडीएफ ई-बुक है, जो हर डिवाइस पर पढ़ी जा सकती है।
6. क्या यह पुस्तक ध्यान में एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है?
निश्चित रूप से। इसके अभ्यास मन और दृष्टि दोनों को केंद्रित करते हैं।
7. पुस्तक खरीदने या मार्गदर्शन के लिए किससे संपर्क करें?
आप सीधे WhatsApp या Arattai पर संपर्क कर सकते हैं – 7710812329
DivyayogAshram प्रस्तुत
“आज्ञा चक्र चिकित्सा: सरल उपाय एवं दिव्य दृष्टि” – अपने भीतर की दृष्टि जगाइए, जीवन को प्रकाश में बदलिए।



