विजया दशमी पूजा
विजया दशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है। यह त्योहार अच्छाई की विजय का प्रतीक है, जिसे भगवान राम ने रावण राक्षस पर विजय प्राप्त किया। विजया दशमी हिन्दू पंचांग के आश्विन मास के दसवें दिन मनाया जाता है। विजया दशमी पर लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनकी कृपा के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। कुछ क्षेत्रों में, यह त्योहार देवी दुर्गा की महिषासुर राक्षस पर विजय की याद करता है। इस दिन को महान परिवारिक समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण की पुतलियों को जलाने के साथ मनाया जाता है, जो दुष्ट शक्तियों के नाश को प्रतिष्ठित करता है। भक्त विशेष पूजन अर्चना, मंत्र जाप, प्रार्थनाएँ करते हैं और प्रसाद वितरित करते हैं। माना जाता है कि विजया दशमी को भक्ति और ईमानदारी से मनाने से सफलता, खुशी और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
विजया दशमी पूजा के लाभ
- शुभ आशीर्वाद: इस पूजा से शुभ आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
- सफलता का साधन: यह पूजा सफलता का साधन होती है।
- बुराईयों से मुक्ति: इस पूजा करने से सभी बुराईयों से मुक्ति मिलती है।
- धन की प्राप्ति: धन की प्राप्ति में सहायक होती है।
- रोगों से मुक्ति: इस पूजा से रोगों से मुक्ति मिलती है।
- परिवार की सुख-शांति: इस पूजा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- उच्च बुद्धि: यह पूजा उच्च बुद्धि प्राप्ति में सहायक होती है।
- आत्म-विश्वास: यह पूजा आत्म-विश्वास में वृद्धि करती है।
- कर्म सफलता: इस पूजा से कर्म सफलता मिलती है।
- मानसिक शांति: यह पूजा मानसिक शांति प्राप्ति में मदद करती है।
- व्यापार में वृद्धि: इस पूजा से व्यापार में वृद्धि होती है।
- प्रेम-प्रतिष्ठा: इस पूजा से प्रेम और प्रतिष्ठा मिलती है।
- संतान की प्राप्ति: इस पूजा से संतान की प्राप्ति होती है।
- शत्रुओं से रक्षा: इस पूजा से शत्रुओं से रक्षा होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह पूजा आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है।
- विद्या में सफलता: इस पूजा से विद्या में सफलता मिलती है।
- समाज सेवा: इस पूजा से समाज सेवा का अवसर मिलता है।
- स्वास्थ्य लाभ: इस पूजा से स्वास्थ्य में लाभ होता है।
- विवाह सम्बंधी सुख: इस पूजा से विवाह सम्बंधी सुख प्राप्त होते हैं।
- आधुनिक संस्कृति में स्थान: इस पूजा से आधुनिक संस्कृति में स्थान मिलता है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।