नील सरस्वती पूजा
नील सरस्वती पूजा एक प्रमुख हिंदू पूजा प्रथा है जो सरस्वती देवी को समर्पित है। नील सरस्वती को ज्ञान, विद्या, बुद्धि, कला, और विद्यार्थी की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस पूजा में सरस्वती माँ की मूर्ति को प्रथम गंगा जल से स्नान कराकर पूजा की जाती है। फिर पूजा के लिए उपयुक्त मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और विद्यार्थियों के लिए आशीर्वाद माँगा जाता है। नील सरस्वती पूजा का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को बुद्धि, ज्ञान, और शिक्षा में सफलता प्रदान करना है।
नील सरस्वती पूजा के लाभ
- बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति: इस पूजा से विद्यार्थियों को बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- विद्या में सफलता: नील सरस्वती पूजा से विद्यार्थियों को अच्छे अंकों और सफलता की प्राप्ति होती है।
- बुद्धिमान व्यक्ति बनना: इस पूजा से व्यक्ति की बुद्धिमत्ता में वृद्धि होती है और वह अच्छे निर्णय लेने में सक्षम होता है।
- विवेक और बुद्धि का संरक्षण: इस पूजा से व्यक्ति का विवेक और बुद्धि का संरक्षण होता है, जिससे वह गलतियों से बच सकता है।
- कला में प्रवृत्ति: नील सरस्वती पूजा से कला में रुचि और प्रवृत्ति होती है।
- शांति और सुख: इस पूजा से व्यक्ति को शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
- करियर में उन्नति: नील सरस्वती पूजा से व्यक्ति के करियर में उन्नति होती है और वह सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचता है।
- विद्या में स्थिरता: इस पूजा से विद्यार्थी की विद्या में स्थिरता और स्थिरता होती है।
- विद्यालय में उत्तीर्णता: नील सरस्वती पूजा से विद्यार्थी विद्यालय में उत्तीर्ण होते हैं और उनके परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होते हैं।
- विद्यालयी जीवन में समृद्धि: इस पूजा से विद्यार्थी का विद्यालयी जीवन समृद्धि और सफलता से भरा होता है।
- विदेश यात्रा में सफलता: इस पूजा से विद्यार्थियों को विदेश यात्रा में सफलता मिलती है।
- धन की प्राप्ति: नील सरस्वती पूजा से धन की प्राप्ति होती है और वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
- संतान की प्राप्ति: इस पूजा से संतान की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- संतान की सुरक्षा: नील सरस्वती पूजा से संतान की सुरक्षा होती है और वह स्वस्थ रहते हैं।
- पुराने रोगों का निवारण: इस पूजा से व्यक्ति के पुराने रोगों का निवारण होता है और वह स्वस्थ रहता है।
- धर्मिक उत्थान: नील सरस्वती पूजा से धर्मिक उत्थान होता है और व्यक्ति धार्मिक शिक्षा मिलती है।
- सफल विवाह: इस पूजा से व्यक्ति का विवाह सफल होता है और पार्टनर के साथ सुखी जीवन बिताता है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।
पूजा मुहुर्थः बुधवार, पंचमी.