हरतालिका तीज पूजा
हरतालिका तीज पूजा हिंदू धर्म में महिलाओं द्वारा विशेष श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान शिव और पार्वती माता की कृपा के लिये पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव-पार्वती के विवाह कथा का पाठ करती हैं, जिससे उन्हें धार्मिक और सामाजिक लाभ मिलते हैं। हरतालिका तीज को भगवान शिव-पार्वती के विवाह दिवस के रूप में भी जाना जाता है, और इस दिन महिलाएं सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
हरतालिका तीज पूजा के लाभ
- यह पूजा विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य के लिए रखती हैं।
- मान्यता है कि इस व्रत को करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और संबंध मजबूत होते हैं।
- यह पूजा पुत्र प्राप्ति के लिए भी विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- विश्वास है कि इस व्रत को करने से संतानहीन दंपतियों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।
- यह पूजा परिवार में सुख-शांति और कलह मुक्त जीवन के लिए भी किया जाता है।
- मान्यता है कि इस व्रत से परिवार में सदस्यों के बीच प्रेम और सद्भाव बढ़ता है।
- यह व्रत ग्रह दोषों को दूर करने और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है।
- विश्वास है कि इस व्रत से व्यक्ति को मानसिक शांति और आत्मविश्वास मिलता है।
- यह पूजा विद्या प्राप्ति और बुद्धि के विकास के लिए भी शुभ माना जाता है।
- विश्वास है कि इस व्रत से व्यक्ति को धन-दौलत और संपत्ति प्राप्त होती है।
- यह व्रत रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।
- मान्यता है कि इस व्रत से व्यक्ति को दीर्घायु प्राप्त होती है।
- यह पूजा शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए भी शुभ माना जाता है।
- विश्वास है कि इस व्रत से व्यक्ति को साहस और पराक्रम मिलता है।
- यह पूजा मनोकामना पूर्ति के लिए भी किया जाता है।
- मान्यता है कि इस व्रत से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।
- यह पूजा पापों से मुक्ति और पुण्य प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।
- विश्वास है कि इस व्रत से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है।
- यह पूजा अखंड सौभाग्य प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।
- मान्यता है कि इस व्रत से स्त्रियों को सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
हम इस पूजा को योग्य पंडित द्वारा करवाते हैं। इस पूजा को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवा सकते हैं।