शत्रुओं को भगाने वाली बगला प्रत्यंगिरा कवच एक प्रकार का रक्षा कवच है जो बगलामुखी देवी को समर्पित है। इस कवच मे माता बगलामुखी व माता प्रत्यांगिरा की शक्ति समाहित होती है। इस कवच को धारण करने से व्यक्ति को नकारात्मक शक्तियों व शत्रुओं से बचाव मिलता है और उसे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यह कवच विभिन्न समस्याओं और कष्टों से रक्षा करने में सक्षम है और भक्तों को सुख, समृद्धि, और शांति प्रदान करने की क्षमता रखता है। बगला प्रत्यंगिरा कवच का प्रयोग अनेक प्रकार की समस्याओं जैसे कि शत्रुता, धन संबंधी कठिनाइयों, बीमारियों, और नकारात्मक शक्तियों से बचाव के लिए धारण किया जाता है।
बगला प्रत्यंगिरा कवच के लाभ:
- नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: यह कवच नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा प्रदान करता है।
- सकारात्मकता को बढ़ावा: बगला प्रत्यंगिरा कवच के पहनने से व्यक्ति की सकारात्मकता और ऊर्जा में वृद्धि होती है। यह उसे सकारात्मकता की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है।
- समृद्धि और सुख: इस कवच को पहनने से व्यक्ति को धन, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति होती है। यह उसके जीवन में आनंद और संतुष्टि लाता है।
- शांति और सुरक्षा: बगला प्रत्यंगिरा कवच के पहनने से व्यक्ति को शांति और सुरक्षा की प्राप्ति होती है। यह उसे विभिन्न प्रकार की मुसीबतों से बचाव करने में मदद करता है।
बगला प्रत्यंगिरा कवच का मुहूर्त और धारण की विधि:
- नवरात्रि: नवरात्रि के नौ दिनों में, खासतौर पर नवमी तिथि को बगला प्रत्यंगिरा कवच का पहनना शुभ माना जाता है।
- अमावस्या: अमावस्या के दिन भी इस कवच को पहनने से लाभ होता है।
- पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन भी बगला प्रत्यंगिरा कवच का पहनना उत्तम माना जाता है।
- मंगलवार: मंगलवार को भी इस कवच को पहनने से लाभ होता है। मंगलवार को इस कवच का पहनने से दुश्मनों से रक्षा मिलती है और व्यक्ति को साहस और सामर्थ्य मिलता है।