अशोक प्रतिपदा पूजा
अशोक प्रतिपदा, जिसे “चैत्र शुक्ल प्रतिपदा” भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। अशोक प्रतिपदा का पर्व वसंत ऋतु के आगमन और नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व शांति, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। इस दिन, भक्तगण भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। घरों को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाता है, और विशेष पूजा विधि का पालन किया जाता है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और प्रसाद अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, इस दिन परिवार के सदस्य एकत्रित होते हैं और धार्मिक अनुष्ठान और व्रत रखते हैं।
अशोक प्रतिपदा पूजा के लाभ
- शांति की प्राप्ति: इस पूजा से मन और जीवन में शांति की प्राप्ति होती है।
- समृद्धि: देवी लक्ष्मी की कृपा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- पारिवारिक सुख: परिवार में सुख, सौहार्द और एकता बनी रहती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: इस पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आत्मा की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- पापों का नाश: पापों का नाश होता है और व्यक्ति पवित्र होता है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति और उनकी उन्नति होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सभी कष्टों से मुक्ति: जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा: उनकी कृपा प्राप्त होती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- विवाह सम्बंधी समस्याओं का समाधान: विवाह सम्बंधी समस्याओं का समाधान होता है।
- धन की प्राप्ति: धन की प्राप्ति और वित्तीय स्थिरता होती है।
- समाज में प्रतिष्ठा: समाज में प्रतिष्ठा और मान-सम्मान मिलता है।
- बाधाओं का निवारण: जीवन की सभी बाधाओं का निवारण होता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि: भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
- रोगों से मुक्ति: विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- दुर्भाग्य का नाश: दुर्भाग्य का नाश होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- सुखद वैवाहिक जीवन: वैवाहिक जीवन में सुख और संतोष प्राप्त होता है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।