सोमवती अमावस्या पूजा
सोमवती अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो तब आती है जब अमावस्या (नया चांद) सोमवार को पड़ती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और पवित्र नदियों, तालाबों, या किसी जलाशय में स्नान करते हैं, जिसे पापों का नाश करने और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। महिलाएं पीपल के पेड़ के चारों ओर धागा बांधती हैं और 108 बार परिक्रमा करती हैं, जिससे परिवार की समृद्धि, संतान सुख और पति की दीर्घायु की कामना की जाती है। सोमवती अमावस्या की पूजा में दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है, जिससे जीवन में शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।
सोमवती अमावस्या पूजा के लाभ
- पापों का नाश: पवित्र नदियों में स्नान और पूजा से पापों का नाश होता है।
- मोक्ष की प्राप्ति: इस दिन व्रत और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- समृद्धि: पीपल के पेड़ की पूजा करने से परिवार में समृद्धि आती है।
- संतान सुख: यह व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- पति की दीर्घायु: विवाहित महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं।
- स्वास्थ्य में सुधार: पूजा और व्रत से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मानसिक शांति: व्रत और पूजा से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- पारिवारिक सद्भाव: यह व्रत पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है और सद्भाव को बढ़ावा देता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: पूजा और व्रत से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: व्रत से आध्यात्मिक उन्नति और ध्यान में वृद्धि होती है।
- धार्मिक ज्ञान: व्रत से धार्मिक ज्ञान और परंपराओं की समझ बढ़ती है।
- धैर्य और संयम: व्रत करने से धैर्य और संयम का विकास होता है।
- प्राकृतिक आपदाओं से बचाव: भगवान का आशीर्वाद प्राकृतिक आपदाओं से बचाव करता है।
- मानसिक संतुलन: व्रत करने से मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।
- समाज में सम्मान: धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने से समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
- बुरी आदतों से मुक्ति: व्रत करने से बुरी आदतों और नशे से मुक्ति मिलती है।
- शिक्षा में उन्नति: छात्र व्रत करने से शिक्षा में उन्नति प्राप्त करते हैं।
- शुभ फल: व्रत करने से जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।
- कृषि उत्पादकता में वृद्धि: ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्रत फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किया जाता है।
- जीवन में संतोष: व्रत करने से जीवन में संतोष और आनंद का अनुभव होता है।
यह पूजा योग्य पंडित द्वारा ही हम करवाते हैं, और हम इस पूजा को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करवाते हैं।
पूजा मुहुर्थः सोमवती अमावस्या