अष्ट विनायक यंत्र- विघ्न बाधा दूर करने के लिये
इस अष्ट विनायक यंत्र को ११०१ बार अष्ट गणेश मंत्र से सिद्ध (energized) किया गया है। अष्ट विनायक यंत्र भगवान गणेश के आठ प्रमुख स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करता है। यह यंत्र विशेष रूप से शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इसमें आठों गणेशजी के प्रमुख मंदिरों का महत्व समाहित होता है, जो महाराष्ट्र में स्थित हैं। ये आठ प्रमुख गणपति मंदिर निम्नलिखित हैं:
- मोरया गणपति (मोरेश्वर) – मोरेगाँव
- सिद्धिविनायक – सिद्धटेक
- बल्लालेश्वर – पाली
- विघ्नहर – ओझर
- महागणपति – रांजणगाँव
- वरदविनायक – महाड़
- चिंतामणि – थेऊर
- गिरिजात्मज – लेण्याद्री
अष्ट विनायक यंत्र का लाभ:
- विघ्नों का नाश: जीवन में आने वाले सभी प्रकार के विघ्नों और बाधाओं को दूर करता है।
- समृद्धि: परिवार में धन-धान्य और समृद्धि लाता है।
- सौभाग्य: जीवन में सौभाग्य और अच्छे अवसरों की प्राप्ति में सहायक होता है।
- सुख-शांति: मानसिक शांति और घरेलू सुख-शांति को बढ़ाता है।
- स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है और बीमारियों से बचाता है।
- ज्ञान और बुद्धि: विद्यार्थियों के लिए ज्ञान, बुद्धि और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है।
- कार्यसिद्धि: सभी कार्यों में सफलता और सिद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है।
- रक्षा: नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक मार्ग पर उन्नति और आत्मिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।
- आकर्षण शक्ति: व्यक्ति की आकर्षण शक्ति और व्यक्तित्व को निखारता है।
- दांपत्य जीवन में सुख: दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ाता है।
- मित्रता और सामाजिक संबंध: मित्रता और सामाजिक संबंधों को मजबूत करता है।
अष्ट विनायक यंत्र की स्थापना और पूजन विधि:
- साफ सफाई: यंत्र की स्थापना से पहले पूजा स्थान की साफ सफाई करें।
- पूजन सामग्री: यंत्र, फूल, अक्षत, धूप, दीप, रोली, चंदन, मिठाई आदि पूजन सामग्री एकत्र करें।
- स्थापना: शुभ मुहूर्त में किसी भी चतुर्थी या बुधवार के दिन यंत्र की स्थापना करें।
- पूजा: भगवान गणेश का ध्यान करते हुए यंत्र की पूजा करें। यंत्र पर चंदन, रोली, फूल और अक्षत अर्पित करें।
- मंत्र जाप: गणेश मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ गण गणपतये नमः”।
- प्रसाद: अंत में प्रसाद अर्पित करें और सबको बांटें।
अष्ट विनायक यंत्र की नियमित पूजा और ध्यान से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।